लंदन के वेस्टमिन्स्टर कोर्ट में नीरव मोदी ने बेल याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद अब 29 मार्च तक नीरव मोदी को जेल में ही रहना पड़ेगा। गिरफ्तारी के बाद नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पण की अटकलें भी तेजी हो गर्इ हैं। अाइए जानते हैं कि क्या है प्रत्यर्पण की पूरी प्रक्रिया।
•Mar 22, 2019 / 04:39 pm•
Ashutosh Verma
नर्इ दिल्ली। गत बुधवार (12 मार्च) को पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में मुख्य अारोपी नीरव मोदी के गिरफ्तार होने की खबर आर्इ थी। लंदन के वेस्टमिन्स्टर कोर्ट में नीरव मोदी ने बेल याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद अब 29 मार्च तक नीरव मोदी को जेल में ही रहना पड़ेगा। गिरफ्तारी के बाद नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पण की अटकलें भी तेजी हो गर्इ हैं। अाइए जानते हैं कि क्या है प्रत्यर्पण की पूरी प्रक्रिया।
सबसे पहले तो भारत को सेक्रेटरी आॅफ स्टेट को रिक्वेस्ट भेजना होगा। नीरव मोदी के बारे में भारत पहले ही दो बार रिक्वेस्ट कर चुका है। इसमें एक रिक्वेस्ट सीबीआर्इ आैर दूसरी रिक्वेस्ट र्इडी ने किया है।
इसके बाद यूके के सेक्रेटरी आॅफ स्टेट इस पर फैसला लेगा कि क्या इसे रिक्वेस्ट को सर्टिफार्इ किया जाएगा या नहीं। पिछले सप्ताह ही र्इडी ने जानकारी दी थी कि यूके ने उसके रिक्वेस्ट पर नीरव मोदी के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इसके बाद कोर्ट अपनी संतुष्टि के बाद नीरव मोदी के खिलाफ वारंट जारी करेगा। इसी वारंट के जारी होने के बाद गिरफ्तारी होती है आैर फिर शुरूआती सुनवार्इ की जाती है। इस सुनवार्इ के दौरान न्यायधीश प्रत्यर्पण करने के लिए सुनवार्इ की तारीख तय करता है।
प्रत्यर्पण सुनवार्इ के दौरान जज कर्इ तरह की बातों के बारे में जांच करता है। इनपर पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद ही जज इस मामले को सेक्रेटरी आॅफ स्टेट को भेजता है। इस पूरी प्रक्रिया में कर्इ महीनों का समय लग सकता है।
जज द्वारा इस केस को सेक्रेटरी आॅफ स्टेट को भेजने के फैसले को हार्इ कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। यह चुनौती फैसले के 14 दिनों के अंदर दी जा सकती है।
यदि यह मामला सेक्रेटरी अाॅफ स्टेट के पास जाता है तो आरोपी को इस बात का जवाब देना होगी कि आखिर 4 सप्ताह के अंदर उसे क्यो प्रत्यर्पण नहीं किया जाए। हालांकि, 4 सप्ताह के बाद सेक्रेटरी आॅफ स्टेट को कोर्इ जानकारी नहीं या जवाब नहीं दिया जा सकता है।
अंत में यदि आरोपी सेक्रेटरी आॅफ स्टेट के फैसले को भी हार्इ कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं करता तो यह उसे 28 दिन के अंदर प्रत्यर्पित कर दिया जाएगा। हार्इकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के मामले में आैर प्रत्यर्पण में समय लग सकता है।
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