अप्रेल चैत्र मास में मांस ही नहीं दूध भी खाना जहर समान, आयुर्वेदिक डॉ ने बताया क्या खाएं और क्या नहीं
आज से चैत्र मास शुरू हो रहा है। इस बदलते गर्मी के मौसम में खान-पान का खास ध्यान रखना होता है। आइए डॉक्टर से जानें कि Chaitra me kya nahi khana chahiye.
Chaitra Month Food : चैत्र माह हिंदू नववर्ष का पहला माह होता है। इसके साथ ही हिंदू न्यू ईयर आरंभ हो जाता है। ये महीना अगर आप खान-पान का ध्यान रखते हैं तो आपको फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। दूध से लेकर कई शाकाहारी और मांसाहारी भोजन को इस मास में खाने की मनाही है। इसके पीछे का आयुर्वेदिक साइंस क्या कहता है। इस बात को हम आयुर्वेदिक डॉक्टर से समझेंगे कि आखिर चैत्र मास में खाने को लेकर सतर्क होने की जरूरत क्यों है। चलिए, हिंदू कैलेंडर (Hindu Calendar) के पहले माह चैत्र के खाने का नियम (Chaitra me kya nahi karna chahiye) जानते और समझते हैं।
डॉक्टर से जानिए चैत्र में खाने को लेकर परहेज क्यों? (Chaitra me kya nahi khana chahiye)
डॉ. अर्जुन राज के टिप्स डॉ. अर्जुन राज (आयुर्वेदिक चिकित्सक) का कहना है, “चैत्र माह में वसंत ऋतु का अंत और ग्रीष्म ऋतु आरंभ होता है। यहां से ऋतु चक्र बदलता है। इसलिए वातावरण गर्म और शुष्क होने लगता है। इस ऋतु परिवर्तन के कारण इम्युन सिस्टम कमजोर हो सकता है। इस कारण सर्दी, खांसी और बुखार होने की संभावना बढ़ती है। इसके अलावा कमजोर पाचन शक्ति के कारण अपच, उल्टी और डिहाइड्रेशन जैसी समसस्या की संभावना भी बढ़ती है। इसलिए, तैलीय, मसालेदार और गरिष्ठ (भारी) भोजन बीमार बना सकते हैं। इसलिए चैत्र मास में खाने को लेकर परहेज करना चाहिए।”
डॉ. ये भी कहते हैं कि ऐसे मौसम में आप दूध या मांस जैसी चीजें खाएंगे तो ये पचेंगे नहीं। इसलिए इनको चैत्र में जहर की तरह बताया गया है।
ब्रह्मवैवर्त पुराण क्या कहता है
प्राचीनतम पुराण है ब्रह्मवैवर्त पुराण। इस पुराण में समस्त भू-मंडल, जल-मंडल और वायु-मंडल के सभी जीवों के जन्म-मरण और पालन पोषण आदि का जिक्र है। इसके अनुसार, इस महीने में सभी ऋतुओं और ग्रहों का सम्मेलन होता है। साथ ही ऋतु परिवर्तन और प्रभावों को लेकर जिक्र है। चूंकि, मौसम के अनुसार ही खानपान करना सही माना जाता है।
आइए सबसे ये जान लेते हैं कि चैत्र मास हमें क्या नहीं खाना चाहिए। डॉ. अर्जुन के अनुसार, इस माह में हमें पचने में अधिक समय लगाने वाली चीजों को खाने से बचना चाहिए। क्योंकि, मौसम परिवर्तन के कारण पाचन की समस्या होती है। खासकर, दही, मांस जैसी चीजों को ना खाएं। इसलिए इन बातों का ध्यान रखें-
बासी भोजन ना करें
मांस जैसे गरिष्ठ भोजन से बचें
दूध पीने से बचें
तैलीय, मसालेदार भोजन से बचें
फास्ट फूड का सेवन ना करें
गुड़ ना खाएं
चैत्र मास में क्या खाना स्वास्थ्य के लिए सही?
डॉ. अर्जुन कहते हैं, अप्रैल या चैत्र के मास में शरीर में पानी की कमी हो सकती है। पानी की कमी को दूर करने के लिए पानी वाले फल खाएं और जल पर्याप्त मात्रा में पिएं। फलों का सेवन खूब करें। अगर आप सुबह खाली पेट नीम के पत्ते खाते हैं तो ये सही माना जाता है। इससे पेट साफ रहता है और इम्युन सिस्टम को भी मजबूती मिलती है। साथ ही संक्रमण आदि से बचाने में भी आपको काफी हद तक मदद मिल जाती है। चना रक्त को शुद्ध करता है और रक्त संचार के लिए सही होता है। इसलिए ऐस माह में चना खाने के लिए कहा जाता है। इसलिए चैत्र मास का डाइट इस तरह के रखें-
चैत्र मास में आप इस तरह की डाइट को फॉलो कर सकते हैं। इससे आपको इस मौसम में हेल्दी रहने में काफी हद तक मदद मिल सकती है। इसके अलावा आपको हर सुबह योग या अन्य वर्कआउट भी करना चाहिए।
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