Child Education: भिक्षावृत्ति से किताबों तक: लखनऊ में शिक्षा की ओर बढ़ते बच्चों के कदम
Bhiksha Mukt Bachpan: लखनऊ प्रशासन ने भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ठोस पहल की है। जिलाधिकारी विशाख जी ने चिनहट के प्राथमिक विद्यालयों का निरीक्षण किया और भिक्षावृत्ति से मुक्त बच्चों के दाखिले की स्थिति जानी। मलिन बस्तियों में घर-घर सर्वे कर नामांकन अभियान तेज किया गया है।
भिक्षावृत्ति मुक्त बचपन की ओर लखनऊ प्रशासन की मजबूत पहल फोटो सोर्स : Patrika
Child Education: लखनऊ प्रशासन ने बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराकर उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक ठोस और संवेदनशील पहल की है। जिलाधिकारी श्री विशाख जी द्वारा सोमवार को चिनहट क्षेत्र के दो प्राथमिक विद्यालयों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान उन्होंने व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित किया कि भिक्षावृत्ति से मुक्त कराए गए बच्चों को विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया है या नहीं।
प्राथमिक विद्यालय चिनहट प्रथम का निरीक्षण: 19 बच्चों का दाखिला, 6 को आंगनबाड़ी में भेजने के निर्देश निरीक्षण के दौरान प्राथमिक विद्यालय चिनहट प्रथम की प्रधानाचार्य ने बताया कि अब तक कुल 19 बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाया जा चुका है। इनमें से 6 बच्चों की आयु छह वर्ष से कम पाई गई। जिलाधिकारी ने इस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) और डीपीओ-आईसीडीएस को निर्देश दिए कि इन बच्चों को नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्रों में दाखिला दिलाया जाए, ताकि ये पुनः भिक्षावृत्ति की ओर न लौटें। साथ ही, जिलाधिकारी ने विद्यालय परिसर के गेट के बाहर पाए गए अवैध अतिक्रमण को भी गंभीरता से लिया और नगर निगम को अभियान चलाकर उसे हटवाने के निर्देश दिए।
प्राथमिक विद्यालय चिनहट द्वितीय: 8 बच्चों का प्रवेश, बाल सेवा योजना से जोड़ने के निर्देश इसके बाद जिलाधिकारी ने प्राथमिक विद्यालय चिनहट द्वितीय का निरीक्षण किया। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अवगत कराया कि इस विद्यालय में 8 बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराकर दाखिला दिया गया है। इस पर जिलाधिकारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देशित किया कि सभी रेस्क्यू किए गए बच्चों को “बाल सेवा योजना” का लाभ अनिवार्य रूप से दिलवाया जाए ताकि उनकी शिक्षा और भरण-पोषण की समुचित व्यवस्था हो सके।
मलिन बस्तियों में सर्वे कराए जाने के निर्देश: हर बच्चा स्कूल जाए
निरीक्षण के उपरांत जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जनपद की मलिन बस्तियों जैसे फैजुल्लागंज, उतरेठिया, रामलीला मैदान आदि क्षेत्रों में घर-घर जाकर बच्चों का सर्वे किया जाए। विशेष रूप से उन बच्चों की पहचान की जाए जो सड़कों पर भीख मांगते या श्रम करते नजर आते हैं। उन्होंने कहा कि इन बच्चों को या तो आंगनबाड़ी केंद्रों में या फिर प्राथमिक विद्यालयों में उनकी उम्र के अनुसार दाखिला दिलाया जाए। साथ ही ड्रॉपआउट बच्चों को भी चिह्नित कर दोबारा शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जाए।
30 जून तक लक्ष्य बुद्ध कार्य योजना: शत-प्रतिशत दाखिला सुनिश्चित करने के निर्देश जिलाधिकारी विशाख ने निर्देशित किया कि 30 जून तक हर घर का सर्वे करते हुए स्कूल जाने की उम्र वाले बच्चों को प्राथमिक विद्यालयों में दाखिला दिलाया जाए। इसके लिए उपजिलाधिकारी, अपर नगर मजिस्ट्रेट के साथ-साथ स्वयंसेवी संगठनों और वॉलिंटियर्स का सहयोग भी लिया जाए। उन्होंने कहा कि हर बच्चा शिक्षा का अधिकार रखता है और प्रशासन इसे सुनिश्चित करेगा कि कोई बच्चा भी शिक्षा से वंचित न रहे।
शिक्षा से हर बच्चा जुड़े, भिक्षावृत्ति हो समाप्त
यह पहल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार प्रदेशभर में चलाए जा रहे ‘भिक्षावृत्ति मुक्त बचपन’ अभियान का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक जनपद में प्रशासन द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है और भिक्षा करने वाले बच्चों को शिक्षा, भोजन, और देखभाल की सुविधाएं दी जा रही हैं। जिलाधिकारी ने आम जनता से भी अपील की है कि वे ऐसे बच्चों को भीख न दें, बल्कि प्रशासन को सूचित करें। बच्चों को भीख देने की बजाय उन्हें शिक्षा से जोड़ना ही समाज की असली सेवा है।