scriptChitrakoot Growth: विकास की रोशनी से रोशन हो रहा श्रीराम का प्रिय चित्रकूट:नितिन गडकरी | Chitrakoot Glows with Development: From Dacoit Stronghold to Ram’s Devotional Destination | Patrika News
लखनऊ

Chitrakoot Growth: विकास की रोशनी से रोशन हो रहा श्रीराम का प्रिय चित्रकूट:नितिन गडकरी

Chitrakoot Tourism: कभी दस्यु आतंक के लिए कुख्यात चित्रकूट अब विकास की रोशनी में नहा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में यह धार्मिक, सांस्कृतिक और निवेश का केंद्र बनता जा रहा है। श्रीराम की प्रिय स्थली फिर से अपनी प्राचीन महिमा की ओर लौट रही है।

लखनऊApr 18, 2025 / 12:08 pm

Ritesh Singh

काशी, अयोध्या के बाद धर्मस्थल के रूप में बढ़ा चित्रकूट का क्रेज

काशी, अयोध्या के बाद धर्मस्थल के रूप में बढ़ा चित्रकूट का क्रेज

 Chitrakoot Growth 2025: कभी दस्यु गिरोहों के लिए बदनाम रहा चित्रकूट अब विकास की रोशनी से रौशन हो रहा है। यह वही चित्रकूट है जहां कभी ददुआ, ठोकिया, राधे, बबली कोल, गौरी यादव, साधना पटेल और गोप्पा जैसे दस्यु गिरोहों का समानांतर शासन चलता था। लोगों में हरदम इन दस्युओं को लेकर दहशत का माहौल था। यहां तक कि ये राजनीति को प्रभावित करने की स्थित में थे। लेकिन सीएम योगी के शासन काल में अब यह सब बीते दिनों की बात हो गई है।
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वनवास के दौरान भगवान श्री राम ने पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण सहित जिस चित्रकूट में सर्वाधिक समय बिताया था। जो चित्रकूट उनको अयोध्या से भी अच्छा लगने लगा था (अवध सहस सम बनु प्रिय लागा)। उन्होंने यहीं कोल, किरात आदि को खुद से जोड़कर सामाजिक समरसता का संदेश दिया। इसी चित्रकूट में भरत के साथ हुआ उनका मिलन भाई-भाई के प्रेम की मिसाल बन गया। उसी चित्रकूट में वह ऋषियों और मुनियों के संपर्क में आए। कुल मिलाकर राम,लक्ष्मण और सीता के लिए चित्रकूट प्रवास का अहसास जंगल में मंगल जैसा रहा। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निजी रुचि और प्रयासों के नाते चित्रकूट एक बार फिर वैसा ही अहसास करा रहा है।
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त्रेता में क्या थी चित्रकूट की ख्याति

त्रेता युग में चित्रकूट की ख्याति क्या थी इसका वर्णन करते हुए तुलसीदास ने रामचरित मानस में लिखा है कि जब वनवास के दौरान वह बाल्मीकि ऋषि से मिलने उनके आश्रम गए थे चलते उनको ऋषिवर ने चित्रकूट में कुछ समय गुजारने के साथ उसकी महिमा का वर्णन कुछ ऐसे किया था, “चित्रकूट गिरि करहु निवासू। तहँ तुम्हार सब भाँति सुपासू। सैलु सुहावन कानन चारू। करि केहरि मृग बिहग बिहारू। नदी पुनीत पुरान बखानी। अत्रिप्रिया निज तपबल आनी। सुरसरि धार नाउँ मंदाकिनि। जो सब पातक पोतक डाकिनि।।
अत्रि आदि मुनिबर बहु बसहीं। करहिं जोग जप तप तन कसहीं”
अब उसी चित्रकूट को योगी सरकार उसी ख्याति
के अनुसार सजा और संवार रही है जिसका वर्णन करते हुए तुलसीदास ने कहा है,”चित्रकूट महिमा अमित कही महामुनि गाइ”
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चित्रकूट की बेहतरी के लिए योगी सरकार की ओर से किए गए कार्य

चित्रकूट के समग्र विकास के लिए चित्रकूट धाम तीर्थ विकास परिषद का गठन हो चुका है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे से सड़क कनेक्टिविटी बेहतर हुई है। यहां की पहाड़ियों पर एक खूबसूरत एयरपोर्ट भी खुल चुका है। यह सात जिलों वाले बुंदेलखंड का पहला एयरपोर्ट है। कनेक्टिविटी बढ़ने और पर्यटकों के लिए बुनियादी सुविधाएं बढ़ने से हाल में यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। प्रयागराज महाकुंभ के दौरान उलट प्रवाह के कारण यहां ढेर सारे पर्यटक आए। आने वाले दिनों में चित्रकूट आने वाले पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी। इसके मद्देनजर योगी सरकार पर्यटकों के लिए बुनियादी सुविधाएं लगातार बेहतर कर रही है।

पर्यटक सुविधाओं के विकास के लिए 50 करोड़ की मंजूरी

8 अप्रैल को हुई कैबिनेट की बैठक में भी इसके किए सरकार ने 50 करोड़ रुपए मंजूर किए। इस पैसे से राम वनगमन के पड़ाव स्थल पर पर्यटक सुविधा केंद्र की सुविधाओं को और बेहतर किया जाएगा। इसमें करीब 12 करोड़ रुपए की लागत आएगी। एयरपोर्ट के पास देवांगना में 17.56 करोड़ रुपए की लागत से पर्यटक सुविधा केंद्र बनेगा। इसी क्रम में कामदगिरि परिक्रमा मार्ग के विकास में 20.45 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इन सभी कार्यों के लिए पहली किस्त के रूप में क्रमशः 50, 70 और 75 लाख रुपए जारी भी किए जा चुके हैं। राम के वनवास से जुड़े स्थलों, मंदाकिनी जिसका हमारे धर्मग्रंथों में खासा महत्व है। उसके घाटों खासकर रामघाट, तुलसी दास की जन्म स्थली राजापुर ,महर्षि बाल्मीकि का आश्रम लालपुर आदि का सुंदरीकरण शामिल हैं।
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काशी, अयोध्या के बाद धर्मस्थल के रूप में बढ़ा चित्रकूट का क्रेज

उल्लेखनीय है कि काशी और अयोध्या के बाद चित्रकूट में धार्मिक पर्यटन तेजी से बढ़ा है। महाकुंभ के पहले यहां बाहर से प्रति दिन औसतन 2500 वाहन आते थे। महाकुंभ के दौरान इनकी संख्या बढ़कर 7000 के करीब हो गई। सप्ताह के अंत या छुट्टियों के दौरान करीब 14000 हजार वाहन आए। यह धर्म स्थल के रूप में चित्रकूट के बढ़ते क्रेज का प्रमाण है। इस क्रेज को ट्रिपल पी मॉडल से बना रोपवे भी पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है।

सिर्फ पर्यटन ही नहीं चित्रकूट को निवेश का भी हब बना रही सरकार

योगी सरकार का ध्यान सिर्फ पर्यटन पर ही नहीं है, वह चित्रकूट को निवेश का भी हब बनाना चाहती है इसी मंशा से पर्यटकों के साथ निवेशकों को आकर्षित करने के लिए छह जिलों को शामिल करते हुए प्रयागराज-चित्रकूट विकास क्षेत्र का गठन किया गया है। इसमें प्रयागराज एवं चित्रकूट साथ फतेहपुर, बांदा, कौशांबी और हमीरपुर भी शामिल हैं। इसके गठन की घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में हुई बैठक के दौरान की थी। अयोध्या से लेकर चित्रकूट तक राम वनगमन मार्ग में पड़ने वाले हर महत्वपूर्ण स्थल का सरकार पहले से विकास करा रही। डिफेंस कॉरिडोर के छह नोड्स में से एक चित्रकूट भी है। कुल मिलाकर योगी के कार्यकाल के दौरान चित्रकूट की चमक बढ़ी है। चल रहे विकास कार्यों के पूरा होने पर यह चमक और बढ़ेगी।
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पहले ही कार्यकाल से योगी का था चित्रकूट के विकास पर फोकस

दरअसल, श्रीराम की देश दुनियां में स्वीकार्यता के मद्देनजर चित्रकूट को सजाने संवारने का काम 2017 में जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने तभी से शुरू हो गया था। रामायण कॉन्क्लेव, रामायण मेले का आयोजन, करीब 52 करोड़ रुपए की लागत से डिजिटल रामायण गैलरी एवं वॉटर स्क्रीन लेजर शो तैयार किया गया। चित्रकूट की ब्रांडिंग के लिए टूर ऑपरेटर्स का फेम टूर पैकेज की भी पहल हुई। साथ दूसरे कार्यकाल के शुरू में ही सरकार ने जिन चुनिंदा धार्मिक स्थलों पर वैश्विक स्तर की बुनियादी सुविधाएं सृजित करने और ब्रांडिंग का लक्ष्य रखा उसमें चित्रकूट भी शामिल था।
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चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस वे, राम वनगमन मार्ग, सतना ग्रीनफील्ड हाइवेसे और बेहतर हो जाएगी कनेक्टिविटी

चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस वे , बुंदेलखंड को चित्रकूट को बाया प्रयागराज रीवा मार्ग से जोड़ने के लिए एक्सप्रेस वे से जोड़कर चित्रकूट की कनेक्टिविटी को और बेहतर किया जा रहा है। सतना से चित्रकूट को जोड़ने के लिए भी चार लेन के ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे की घोषणा केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी कर चुके हैं। भारत माला परियोजना के तहत इस पर काम भी हो रहा। इससे मध्यप्रदेश और इससे आगे मुंबई तक चित्रकूट की कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी।
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इसके अलावा फरवरी में लखनऊ में आए नितिन गडकरी ने बताया कि अयोध्या से चित्रकूट तक बनने वाले राम वन गमन मार्ग पर केंद्र सरकार 11000 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। अगले साल तक (2026) तक इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। इससे अयोध्या और चित्रकूट की कनेक्टिविटी और बेहतर होगी। साथ ही वनगमन के दौरान जिन जगहों पर श्रीराम ने कुछ समय गुजारे थे उनका आकर्षण पर्यटकों के लिए और बढ़ जाएगा। खासकर श्रृंगवेरपुर जहां राम और निषाद राज का मिलन और संवाद हुआ था और निषाद राज ने उन्हें गंगा पार कराया था। इसके बढ़ते महत्व के मद्देनजर श्रृंगवेरपुर में सरकार विकास के कई काम करा चुकी है। साथ ही सामाजिक समरसता के प्रति के रूप में श्रीराम और निषादराज के मिलन को दर्शाती एक विशाल प्रतिमा भी लग चुकी है।

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