स्वास्थ्य विभाग की बढ़ी चिंता
कोरोना के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है, विशेष रूप से केजीएमयू में डॉक्टरों के बीच संक्रमण की दर तेजी से बढ़ रही है। जानकारी के अनुसार, केजीएमयू के टीजी हॉस्टल में रहने वाले तीन डॉक्टरों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इन डॉक्टरों में एक 26 वर्षीय युवती और दो 26 वर्षीय युवक हैं। इन्हें फिलहाल होम आइसोलेशन में रखा गया है और किसी में गंभीर लक्षण नहीं पाए गए हैं।
वहीं, एसपी हॉस्टल में भी पहले दो रेजिडेंट डॉक्टरों में कोरोना संक्रमण पाया गया था। इससे साफ है कि केजीएमयू में छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टरों के बीच संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसे देखते हुए केजीएमयू प्रशासन ने सभी विभागों और छात्रावासों को कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ अलर्ट
केजीएमयू प्रशासन ने डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य कर्मियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अगर किसी मरीज में कोरोना के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत उसकी जांच करवाई जाए और आवश्यक सावधानियां बरती जाएं। इसके अलावा, लखनऊ के विभिन्न इलाकों से भी नए मरीज सामने आए हैं। जानकीपुरम निवासी 47 वर्षीय पुरुष हाल ही में थाईलैंड से लौटे थे। 8 जून को थाईलैंड गए थे और 17 जून को दिल्ली होते हुए लखनऊ वापस लौटे। वापस आने के बाद उन्हें बुखार और जुकाम हुआ, जिसके बाद जांच कराने पर उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। कोरोना पॉजिटिव मिले मरीज
राजाजीपुरम से 35 और 55 वर्ष के दो पुरुष, आलमबाग की कृष्णा पल्लीनिवासी 36 वर्षीय महिला, इंदिरा नगर की 10 वर्षीय बच्ची और 26 वर्षीय युवती, और सरोजनीनगर की 45 वर्षीय महिला भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं। इन सभी को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा संक्रमण JN.1 वैरिएंट से जुड़ा है, जो हल्के लक्षणों के साथ सामने आ रहा है। अधिकांश मरीजों में सामान्य बुखार, जुकाम और गले में खराश जैसे लक्षण पाए गए हैं। किसी मरीज की हालत गंभीर नहीं है और अधिकांश मरीज होम आइसोलेशन में रहकर इलाज ले रहे हैं। कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जांच और निगरानी को तेज कर दिया है। सभी प्रमुख अस्पतालों को सतर्क किया गया है और डॉक्टरों को संक्रमण से बचाव के उपाय अपनाने के निर्देश दिए गए हैं।
अस्पतालों की सेवाएं होगी प्रभावित
डॉक्टरों के संक्रमित होने से केजीएमयू सहित कई अस्पतालों की सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। ऐसे में अस्पताल प्रशासन को और सतर्कता बरतने की जरूरत है। कोविड नियमों का पालन और मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग जैसी सावधानियों को फिर से प्रभावी तरीके से लागू किया जा रहा है। लोगों से अपील की गई है कि अगर किसी में कोरोना जैसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत नजदीकी अस्पताल में जांच करवाएं और खुद को आइसोलेट करें। साथ ही, अनावश्यक भीड़भाड़ से बचें और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें।
दो दिनों में 17 नए मामले
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो दिनों में राजधानी लखनऊ में कुल 17 नए मामलों की पुष्टि हुई है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि संक्रमण की दर में तेजी से इजाफा हो रहा है। केजीएमयू में कोरोना से संक्रमित डॉक्टरों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे यह संदेह उठ रहा है कि क्या अस्पताल परिसर में भी संक्रमण फैल रहा है।हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और सभी मरीजों का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार संपर्क में हैं और मरीजों की निगरानी की जा रही है। सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, बूस्टर डोज और कोविड वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को भी दोबारा सक्रिय किया जा रहा है। लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने टीकाकरण की स्थिति की जांच करें और समय पर बूस्टर डोज लें। फिलहाल स्थिति चिंताजनक तो नहीं है, लेकिन सावधानी और सतर्कता अत्यंत आवश्यक है। कोरोना का नया संक्रमण हल्का जरूर है, लेकिन इसका प्रसार तेज है, इसलिए जिम्मेदार नागरिक बनते हुए सभी को सतर्क रहना होगा।