राजस्व वृद्धि की रणनीति
नितिन अग्रवाल के अनुसार राजस्व वृद्धि का यह स्तर स्मार्ट निगरानी, नई तकनीक के प्रयोग, अवैध शराब पर नियंत्रण और लाइसेंसी बिक्री व्यवस्था की सुदृढ़ता का परिणाम है। विभाग ने सभी जिलों में सघन निरीक्षण अभियान चलाए हैं और डिजिटल सिस्टम के जरिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को पारदर्शी बनाया है।
अवैध शराब पर निर्णायक कार्रवाई
राजस्व वृद्धि के साथ-साथ, विभाग ने अवैध शराब के विरुद्ध प्रभावी कदम उठाए हैं। जून 2025 तक, प्रदेश भर में अवैध शराब के निर्माण, बिक्री और तस्करी के कुल 29,784 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि विभाग केवल राजस्व पर ही नहीं, बल्कि सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दों पर भी सजग है।
अवैध शराब के विरुद्ध आंकड़े
- बरामद अवैध शराब: 7.72 लाख लीटर
- गिरफ्तारी: 5,559 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया
- जेल भेजे गए आरोपी: 1,075
- जब्त वाहन: 35
ये आंकड़े इस बात के परिचायक हैं कि योगी सरकार की ‘शून्य सहिष्णुता’ नीति को आबकारी विभाग ने जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू किया है।
जन जागरूकता अभियान भी हुआ प्रभावी
अवैध शराब के दुष्परिणामों को लेकर जन जागरूकता अभियान भी चलाए गए हैं। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में नुक्कड़ नाटक, पोस्टर-बैनर, और सोशल मीडिया कैंपेन के माध्यम से आमजन को शिक्षित किया गया कि अवैध शराब का सेवन न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि यह कानूनी दंड का कारण भी बन सकता है। नए तकनीकी उपाय
विभाग ने अवैध शराब की पहचान और नियंत्रण के लिए कई तकनीकी उपाय अपनाए हैं:
- जीआईएस आधारित ट्रैकिंग सिस्टम
- डिजिटल परमिट व्यवस्था
- लिकर ट्रैक एंड ट्रेस प्रणाली
- मशीनरी और ड्रोन द्वारा निगरानी
इन तकनीकी उपायों से शराब की आपूर्ति श्रृंखला पारदर्शी बनी है और चोरी-छिपे हो रही तस्करी पर अंकुश लगा है।
नकली शराब के खिलाफ भी सख्ती
आबकारी विभाग ने नकली शराब की पहचान हेतु विशेष प्रयोगशाला स्थापित की हैं, जहां संदिग्ध बोतलों की जांच कराई जाती है। इसके अलावा, स्थानीय पुलिस और एसटीएफ की सहायता से राज्य भर में छापेमारी की गई, जिससे अवैध शराब निर्माण करने वाली कई फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ हुआ। जनसहभागिता को प्राथमिकता
सरकार ने आमजन से भी अपील की है कि यदि उन्हें कहीं अवैध शराब का संदेह हो तो तुरंत नजदीकी थाने या आबकारी विभाग को सूचित करें। इसके लिए विभाग ने टोल-फ्री हेल्पलाइन और ऑनलाइन शिकायत पोर्टल की सुविधा भी दी है।
राजस्व और कानून व्यवस्था में संतुलन
नितिन अग्रवाल ने यह भी कहा कि “हमारा उद्देश्य केवल राजस्व अर्जित करना नहीं है, बल्कि प्रदेश में सुरक्षित और नियंत्रित शराब व्यापार को बढ़ावा देना भी है। अवैध कारोबारियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।”