मौसम बना मुसीबत: अमौसी एयरपोर्ट से उड़ानें ठप
जामुन बीनते समय हुआ हादसा
मूल रूप से रायबरेली जिले के कुर्री सुदौली गांव निवासी नसीरा (42), जो पिछले 15 वर्षों से सरोजनी नगर क्षेत्र के चिल्लावां गांव में अपनी बुआ मुत्री व उनके बेटों नसीर और आफताब के साथ किराए पर रह रही थी, शुक्रवार को अपने घर से थोड़ी दूरी पर स्थित एक जामुन के पेड़ के नीचे जामुन बीनने गई थी।यूपी पुलिस का एक्शन मोड: 14,000 मुठभेड़ें, 234 अपराधी ढेर
दोपहर करीब 12 बजे के आसपास, जब वह वीआईपी रोड से चिल्लावां गांव को जोड़ने वाले मार्ग के निकट पहुंची, तभी एयरपोर्ट की लोहे की बाउंड्रीवाल के संपर्क में आते ही करंट की चपेट में आ गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, करंट इतना तेज था कि महिला की मौके पर ही मौत हो गई। कुछ देर बाद राहगीरों ने जब महिला को जमीन पर पड़ा देखा तो स्थानीय लोगों और परिजनों को सूचना दी गई। बाद में पुलिस को भी सूचित किया गया।पुलिस और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
सूचना पर सरोजनीनगर पुलिस मौके पर पहुंची, और क्षेत्राधिकारी (एसीपी) कृष्णानगर विक्रांत पांडेय ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने एहतियातन घटनास्थल के आसपास की बाउंड्री को रस्सियों से घेरते हुए बैरिकेडिंग कर दी है ताकि कोई अन्य व्यक्ति उस क्षेत्र के संपर्क में न आ सके। साथ ही संबंधित विद्युत आपूर्ति को अस्थाई रूप से रोक दिया गया है ताकि करंट के स्रोत का पता लगाया जा सके।फिर लौटी बीएड की रौनक: सीटें घटीं, अभ्यर्थी बढ़े
मृतका के पारिवारिक हालात बेहद संवेदनशील
नसीरा मानसिक रूप से मंदबुद्धि थी और जन्म से ही अपने माता-पिता के बजाय बुआ के पास रह रही थी। उसकी मां मेहरून का निधन लगभग 25 वर्ष पहले हो गया था, और पिता नगराम क्षेत्र में अकेले जीवन व्यतीत कर रहे हैं। नसीरा का विवाह भी हुआ था, लेकिन पारिवारिक कारणों से वह बचपन से ही अपने मायके पक्ष यानी बुआ के पास ही रही। उसकी देखरेख की जिम्मेदारी बुआ मुत्री और उनके बेटों के ऊपर थी।मानसून की धमाकेदार एंट्री, IMD का रेड अलर्ट, भारी बारिश और बिजली का खतरा बढ़ा
स्थानीय लोगों में भारी रोष
घटना की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर एकत्र हो गए और एयरपोर्ट प्रशासन के प्रति नाराजगी जाहिर की। लोगों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब एयरपोर्ट की बाउंड्रीवाल में करंट उतरा हो। स्थानीय निवासी इरशाद अहमद ने बताया, “इस टीनशेड बाउंड्री में पहले भी कई बार करंट उतर चुका है। बच्चों और पशुओं को झटका लग चुका है, पर कभी किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। कई बार शिकायत करने के बाद भी कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई।”शकील अहमद, एक सामाजिक कार्यकर्ता, ने कहा कि यह पूरी तरह से प्रशासन की लापरवाही है। यदि समय रहते सुधार किया गया होता तो आज एक मासूम की जान नहीं जाती।