प्रयागराज, गोरखपुर, आगरा और नोएडा को भी विशेष सम्मान
- लखनऊ के साथ-साथ प्रयागराज, गोरखपुर, आगरा और नोएडा को भी उनकी स्वच्छता कार्य योजनाओं के लिए विशेष श्रेणियों में सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने पत्र जारी कर दिया है।
- प्रयागराज को विशेष श्रेणी में पुरस्कार दिया जाएगा। महाकुंभ आयोजन के दौरान सफाई की बेहतर व्यवस्था की गई थी, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया।
- गोरखपुर, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मभूमि है, को मिनिस्ट्रियल अवार्ड से नवाजा जाएगा।
- आगरा को राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त होगा।
- नोएडा को 3 से 10 लाख की आबादी वाली श्रेणी में सम्मान से नवाजा जाएगा।

राष्ट्रपति से मिलेगा राष्ट्रीय सम्मान
उत्तर प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार की ओर से भेजे गए पत्र के अनुसार लखनऊ के बेहतरीन प्रदर्शन के लिए यह शहर राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त करेगा। लखनऊ नगर निगम के मेयर, नगर आयुक्त, नगर विकास मंत्री एके शर्मा और प्रमुख सचिव अमृत अभिजात पुरस्कार लेने दिल्ली जाएंगे।क्या रहा लखनऊ की सफलता का राज
1.सार्वजनिक स्थानों की सफाई: लखनऊ नगर निगम ने पिछले एक साल में प्रमुख बाजारों, अस्पतालों, बस अड्डों और रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थलों की नियमित सफाई कराई।प्रयागराज को क्यों मिला विशेष पुरस्कार
2025 में प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हुआ, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु आए। इतने विशाल आयोजन के बावजूद प्रशासन ने बेहतरीन सफाई व्यवस्था बनाए रखी। घाटों की साफ-सफाई, पब्लिक टॉयलेट की सुविधा और कचरे के तुरंत निस्तारण जैसी व्यवस्थाओं की देश ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना हुई।गोरखपुर की सफाई व्यवस्था बनी मिसाल
गोरखपुर नगर निगम ने न सिर्फ सफाई के पारंपरिक तरीकों को अपनाया, बल्कि डिजिटल तकनीक का भी इस्तेमाल किया। शहर में प्लास्टिक मुक्त अभियान चलाया गया। नागरिकों को ज़िम्मेदारी का बोध कराया गया। इसलिए इस शहर को मिनिस्ट्रीयल अवार्ड दिया जा रहा है।- आगरा और नोएडा भी पीछे नहीं
- आगरा जो विश्व विख्यात ताजमहल का घर है, ने अपने पर्यटन स्थलों और शहरी इलाकों में सफाई को प्राथमिकता दी।
राष्ट्रीय स्तर पर कौन रहा शीर्ष पर
स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के राष्ट्रीय परिणामों के अनुसार ,अहमदाबाद देश का सबसे स्वच्छ शहर बना है। भोपाल, जो पिछले साल पांचवें स्थान पर था, इस बार दूसरे स्थान पर आ गया है। लखनऊ ने तीसरे स्थान पर अपनी जगह बनाई।यह बदलाव दर्शाता है कि लगातार प्रयासों और सामूहिक भागीदारी से किसी भी शहर को साफ और सुंदर बनाया जा सकता है।
अब आगे क्या
नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने कहा कि “यह केवल शुरुआत है। अब हमारा लक्ष्य पहला स्थान हासिल करना है। सभी नगर निगमों को यह मॉडल अपनाकर कार्य करना चाहिए।” राज्य सरकार अब अन्य जिलों में भी लखनऊ मॉडल लागू करने की योजना बना रही है, जिसमें:- मल्टी-लेवल वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम
- AI आधारित निगरानी तंत्र
- प्लास्टिक मुक्त अभियान
- प्रत्येक वार्ड का मासिक सफाई स्कोर
- जैसे उपाय लागू किए जाएंगे।