बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख और चार बार की मुख्यमंत्री रहीं मायावती ने एक बार फिर प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। फोटो: IANS
मायावती ने रविवार को किए गए सिलसिलेवार ट्वीट्स में राज्य में बढ़ती जातीय हिंसा, साम्प्रदायिक तनाव और अपराध नियंत्रण की विफलता को लेकर गहरी चिंता जाहिर की। उनका यह बयान उस वक्त आया है जब राज्य में पुलिस विभाग की कमान हाल ही में एक नए पुलिस महानिदेशक (DGP) को सौंपी गई है।
मायावती ने ट्वीट में लिखा, “देश के विभिन्न राज्यों में से ख़ासकर यूपी में सामंती व आपराधिक तत्वों का वर्चस्व होने से जातिवादी एवं साम्प्रदायिक द्वेष, हिंसा, अन्याय-अत्याचार तथा लोगों को उजाड़ने आदि की कार्रवाइयों से यह साबित है कि यहां कानून का राज सही से नहीं चल रहा है।”
1. देश के विभिन्न राज्यों में से ख़ासकर यूपी में सामंती व आपराधिक तत्वों का वर्चस्व होने से जातिवादी एवं साम्प्रदायिक द्वेष, हिंसा, अन्याय-अत्याचार तथा लोगों को उजाड़ने आदि की कार्रवाइयों से यह साबित है कि यहाँ कानून का राज सही से नहीं चल रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे माहौल में यूपी पुलिस के नए प्रमुख के सामने राज्य में अपराध नियंत्रण व कानून का राज स्थापित करके सर्वसमाज के लोगों को उचित राहत पहुंचाने का बड़ा चैलेंज। राज्य सरकार व सत्ताधारी दल के लोगों को भी यूपी में कानून का राज स्थापित करने में हर प्रकार का सहयोग व सक्रियता जरूरी।
‘यूपी को देश की प्रगति की रीढ़ होना चाहिए’
मायावती ने आगे कहा कि वैसे भी भारत के बहुआयामी विकास व यहां की विशाल आबादी की समग्र उन्नति में यूपी को देश की प्रगति की रीढ़ होना चाहिए, किन्तु इसके ग्रोथ इंजन बनकर उभरने के बजाय ज्यादातर अपराध नियंत्रण व कानून व्यवस्था की बदहाली को लेकर निगेटिव चर्चाओं में रहना क्या यह जन व देशहित में उचित?
यूपी के नए डीजीपी
बता दें कि योगी सरकार ने 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को यूपी पुलिस का नया डीजीपी नियुक्त किया है। राजीव कृष्ण अभी तक डीजी विजिलेंस और भर्ती बोर्ड की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इन्हें अपराध नियंत्रण और हाईटेक पुलिसिंग में योगदान के लिए जाना जाता है।
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