पूरा ट्रांसफर प्रोसेस ऑनलाइन
अपर शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) सुरेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि इस बार आवेदन से लेकर तबादला आदेश जारी होने तक की पूरी प्रक्रिया डिजिटल होगी। शिक्षकों को अब विभाग के चक्कर नहीं लगाने होंगे, न ही किसी बिचौलिये या दलाल की जरूरत होगी।
शिकायतों का समाधान
पिछले वर्षों में तबादला प्रक्रिया के दौरान आर्थिक शोषण, पारदर्शिता की कमी, और अनुचित हस्तक्षेप की शिकायतें लगातार सामने आती रही थीं। अब ऑनलाइन प्रक्रिया से इन समस्याओं पर अंकुश लगेगा। सुरेंद्र कुमार तिवारी ने कहा, “ऑनलाइन प्रक्रिया से व्यवस्था अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और तेज होगी। इससे शिक्षकों को समय, ऊर्जा और पैसे की भी बचत होगी।”
आवेदन की प्रक्रिया:
- 10 से 14 जून तक, पोर्टल पर आवेदन फॉर्म खुले रहेंगे।
- शिक्षक को नीचे दिए गए दस्तावेज अपलोड करने होंगे:
- र्तमान विद्यालय में कार्यरत प्रमाण पत्र
- सेवा विवरण
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- आरक्षण से संबंधित दस्तावेज
- मेडिकल/सहानुभूति आधार (यदि लागू हो)
- कोई अन्य अपेक्षित प्रमाण पत्र
आवेदन के बाद प्रत्येक शिक्षक को यूजर आईडी और पासवर्ड मिलेगा, जिससे वह अपनी आवेदन की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक कर सकेगा।
हेल्पलाइन और सहायता
शिक्षकों की सहायता के लिए विभाग ने ईमेल और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। कोई भी तकनीकी या प्रक्रिया संबंधी समस्या होने पर शिक्षक निम्नलिखित माध्यमों से संपर्क कर सकते हैं: - Email: aided-transfer.up@gmail.com
- Helpline Numbers:
- 8181063731
- 9140719821
- 9369470010
- टेक्निकल सपोर्ट टीम को निर्देशित किया गया है कि वह समयबद्ध तरीके से शिकायतों और समस्याओं का समाधान करे।
पहली बार डिजिटल व्यवस्था
यह पहली बार है जब एडेड माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के लिए तबादला प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन की गई है। अब तक शिक्षक को डीआईओएस, बीएसए कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते थे। अक्सर शिक्षकों को इसके लिए दलालों को पैसे भी देने पड़ते थे। कई बार योग्य शिक्षक वांछित स्थानांतरण से वंचित रह जाते थे। ऑनलाइन प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होगा कि तबादले मेरिट, सीनियरिटी, आरक्षण नीति के अनुसार हों। किसी भी प्रकार का भेदभाव या पक्षपात न हो। शिक्षक अपनी पसंद के स्कूल के लिए आवेदन कर सकें। प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
शिक्षकों में उत्साह
इस बदलाव को लेकर प्रदेश के एडेड स्कूलों के शिक्षकों में खासा उत्साह है। कई शिक्षकों ने इसे “बहुप्रतीक्षित सुधार” करार दिया है। कन्नौज के प्रवक्ता राजीव त्रिपाठी ने कहा, “पहली बार हमें लगेगा कि तबादला प्रक्रिया में हमारी काबिलियत और जरूरत को अहमियत मिलेगी।” लखनऊ की प्रधानाचार्या रीमा वर्मा ने कहा, “अब किसी को अनावश्यक पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ये बहुत बड़ा बदलाव है।”
क्या होगा असर
- कुशल और योग्य शिक्षकों को बेहतर स्कूलों में स्थान मिलेगा।
- दूरस्थ या कठिन क्षेत्रों में तैनात शिक्षकों को राहत मिलेगी।
- महिला शिक्षकों के लिए स्थानांतरण में विशेष सहूलियत होगी।
- लंबे समय से एक ही स्कूल में जमे शिक्षकों के तबादले सुचारू होंगे।
- कुल मिलाकर शिक्षा गुणवत्ता में सुधार होगा।
शासन का संदेश
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह पहल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शिक्षा सुधार कार्यक्रम के तहत की गई है। सरकार का उद्देश्य है कि शिक्षकों को पारदर्शी और निष्पक्ष व्यवस्था मिले ताकि वे शिक्षण कार्य में अधिक मन से योगदान दे सकें। शासन ने विभाग को निर्देशित किया है कि कोई भी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार या गड़बड़ी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।