प्रमुख मुद्दे जिन पर होगी चर्चा
1. बिजली निजीकरण और अव्यवस्था: आराधना मिश्रा ने कहा कि योगी सरकार ने पिछले आठ वर्षों में बिजली के क्षेत्र में कोई नई पहल नहीं की है। उन्होंने बिजली के निजीकरण को “विभित्सा” करार देते हुए कहा कि सरकार की नीतियों के कारण पब्लिक सेक्टर कमजोर हो रहा है। निजीकरण के चलते बिजली की उपलब्धता और दरों में अस्थिरता आ रही है।
2. किसानों की समस्याएं: कांग्रेस ने किसानों की समस्याओं को प्रमुख मुद्दा बताया। खाद की बढ़ती कीमतों और गन्ना किसानों के बकाया भुगतान का मुद्दा उठाया जाएगा। मिश्रा ने कहा,”सरकार ने किसानों का बिजली बिल माफ नहीं किया और आय दोगुनी करने का वादा अधूरा रह गया। किसानों को उनकी लागत से भी कम लाभ मिल रहा है।”
3. युवाओं की बेरोजगारी: युवाओं की बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश में 100 में से 85 युवा बेरोजगार हैं। आराधना मिश्रा ने आरोप लगाया कि इस सरकार के कार्यकाल में 14 बार पेपर लीक के मामले सामने आए, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
4. स्वास्थ्य व्यवस्था का मुद्दा: झांसी अग्निकांड में मासूमों की मौत का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस ने इसे सरकार की “लापरवाही” करार दिया। मिश्रा ने कहा कि 18 मासूम बच्चों की मौत के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
5. सांप्रदायिक हिंसा और अपराध: आराधना मिश्रा ने आरोप लगाया कि योगी सरकार की नाकामी के कारण प्रदेश में सांप्रदायिक दंगे हो रहे हैं। बहराइच की घटना का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी विधायक ने खुद पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
6. सड़कों की बदहाली: सड़कों को लेकर मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा, “आज सड़कों की हालत इतनी खराब है कि यह समझना मुश्किल है कि सड़क कहां है और गड्ढा कहां। सरकार का गड्ढा मुक्त सड़कों का दावा पूरी तरह झूठा है।”
कांग्रेस की मांगें
.सरकार विधानसभा सत्र का समय बढ़ाए ताकि सभी मुद्दों पर चर्चा हो सके।
.किसानों के गन्ना भुगतान को तुरंत जारी किया जाए।
.बिजली और स्वास्थ्य क्षेत्रों में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
.बेरोजगारी को खत्म करने के लिए योजनाएं बनाई जाएं।
.सांप्रदायिक हिंसा और अपराधों पर कड़ी कार्रवाई हो। सरकार की जवाबदेही पर जोर
कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि योगी सरकार को हर हाल में इन मुद्दों पर जवाब देना होगा। आराधना मिश्रा ने कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन कांग्रेस सड़क से सदन तक अपनी लड़ाई जारी रखेगी।
विधानसभा घेराव का कार्यक्रम
कांग्रेस पार्टी ने 18 दिसंबर को विधान भवन के बाहर घेराव करने का कार्यक्रम तय किया है। इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता भाग लेंगे। कांग्रेस का कहना है कि यह प्रदर्शन योगी सरकार की विफलताओं को उजागर करेगा। सोशल मीडिया पर विरोध की तैयारी
कांग्रेस ने इस विरोध प्रदर्शन को सोशल मीडिया पर भी प्रचारित करने की योजना बनाई है। पार्टी ने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे हैशटैग अभियान चलाकर जनता को सरकार की नीतियों के खिलाफ जागरूक करें।