UP Assistant Professor Exam 2025: 16-17 अप्रैल को होंगे दो पाली में इम्तिहान, 82 हजार से अधिक परीक्षार्थी होंगे शामिल
UP Assistant Acharya Recruitment: उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित सहायक आचार्य की बहुप्रतीक्षित परीक्षा अब 16 और 17 अप्रैल 2025 को आयोजित की जाएगी। परीक्षा में करीब 82,876 अभ्यर्थी भाग लेंगे। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस बाबत मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर जरूरी निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए दिए सख्त दिशा-निर्देश, परीक्षा को नकलविहीन और शांतिपूर्ण कराने की तैयारी
UP Assistant Professor Exam: उत्तर प्रदेश में सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों में सहायक आचार्य पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग द्वारा सहायक आचार्य की लिखित परीक्षा 16 और 17 अप्रैल, 2025 को दो पालियों में कराई जाएगी। इस परीक्षा में राज्यभर से कुल 82,876 परीक्षार्थी शामिल होंगे।
इस महत्वपूर्ण परीक्षा को नकलविहीन, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने को लेकर सोमवार को प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने एक उच्चस्तरीय बैठक की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस बैठक में समस्त मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
परीक्षा केंद्रों की संख्या और व्यवस्थाएं
मुख्य सचिव ने जानकारी दी कि परीक्षा छह प्रमुख मंडलों आगरा, मेरठ, प्रयागराज, लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी में 52 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित होगी। प्रत्येक केंद्र पर दो पालियों में परीक्षा कराई जाएगी। सुबह और दोपहर की पालियों में उम्मीदवारों को प्रवेश, बायोमेट्रिक उपस्थिति, CCTV निगरानी, और गोपनीय सामग्री की सुरक्षा जैसे सभी मानकों का पालन अनिवार्य किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि परीक्षा केंद्रों पर एक दिन पूर्व सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली जाएं। परीक्षार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए पेयजल, शौचालय, विद्युत आपूर्ति जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी
उन्होंने बताया कि परीक्षा की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। प्रत्येक जिले में एक-एक अपर जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी और अपर पुलिस अधीक्षक को सुरक्षा नोडल अधिकारी नामित किया गया है। इसके साथ ही परीक्षा केंद्रों पर सशस्त्र बल की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी।
साथ ही कोषागार में स्ट्रांग रूम की व्यवस्था की गई है, जहां गोपनीय परीक्षा सामग्री को सुरक्षित रखा जाएगा। प्रत्येक जिले में एक-एक जनपदीय समन्वयी पर्यवेक्षक की भी नियुक्ति की गई है जो परीक्षा के संचालन पर नज़र रखेंगे। मुख्यालय और जिला स्तर पर कंट्रोल रूम की स्थापना की जा रही है। प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर CCTV कैमरे लगाए जा रहे हैं, जिससे पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जा सके।
केंद्र अधीक्षकों की ब्रीफिंग अनिवार्य
मुख्य सचिव ने स्पष्ट कहा कि परीक्षा केंद्र अधीक्षक सहित समस्त स्टाफ की विधिवत ब्रीफिंग परीक्षा से पूर्व कराई जाए, ताकि सभी को परीक्षा प्रक्रिया और दिशा-निर्देशों की पूरी जानकारी रहे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी केंद्र पर कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
गोपनीय सामग्री की डिलीवरी और तैयारी
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि आयोग स्तर पर सभी प्रकार की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। गोपनीय परीक्षा सामग्री की डिलीवरी 15 अप्रैल की शाम तक पूरी कर ली जाएगी। सभी निरीक्षकों, प्रेक्षकों और समन्वयी प्रेक्षकों का प्रशिक्षण भी पूर्ण हो चुका है। इसके अलावा परीक्षा में शामिल होने वाले कार्मिकों की सूची और उनकी नियुक्ति भी अंतिम चरण में है।
राज्य सरकार का प्रयास है कि शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और गुणवत्ता को बढ़ावा दिया जाए। सहायक आचार्य जैसे पदों पर नियुक्ति के लिए योग्यता आधारित निष्पक्ष प्रक्रिया ही राज्य की प्राथमिकता है। परीक्षा में किसी भी प्रकार की नकल या अनुचित साधनों के प्रयोग को सख्ती से रोका जाएगा।
बैठक में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद सहित शिक्षा विभाग और प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। सभी अधिकारियों ने परीक्षा की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाने का आश्वासन दिया।
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