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लखनऊ

UP IGRS Portal: उत्तर प्रदेश में जन शिकायतों के समाधान में IGRS बना मिसाल, देवीपाटन मंडल नंबर वन

UP IGRS Portal Speeds Up Public Grievance Redressal:   उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा संचालित आईजीआरएस पोर्टल जन शिकायतों के त्वरित और पारदर्शी निस्तारण का प्रभावी माध्यम बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीधी मॉनीटरिंग से न केवल समाधान में तेजी आई है, बल्कि देवीपाटन, वाराणसी और बस्ती मंडल ने इसमें उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।

लखनऊJul 12, 2025 / 07:14 am

Ritesh Singh

योगी सरकार की मॉनिटरिंग से पीड़ितों को मिल रहा त्वरित न्याय फोटो सोर्स :Patrika

योगी सरकार की मॉनिटरिंग से पीड़ितों को मिल रहा त्वरित न्याय फोटो सोर्स :Patrika

UP Government: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा संचालित आईजीआरएस (इंटरएक्टिव गवर्नमेंट रेड्रेसल सिस्टम) पोर्टल अब प्रदेश की जनता के लिए न केवल एक संवाद का सशक्त माध्यम बन चुका है, बल्कि त्वरित और पारदर्शी न्याय दिलाने में भी अपनी महती भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीधी निगरानी और प्रशासनिक सुधारों की बदौलत जन शिकायतों के समाधान की प्रक्रिया में अभूतपूर्व तेजी आई है। हाल ही में जारी आईजीआरएस की जून माह की रिपोर्ट में यह साफ झलकता है कि किस प्रकार प्रदेश की विभिन्न प्रशासनिक इकाइयां शिकायतों के समाधान के प्रति संवेदनशील और सक्रिय हो रही हैं।

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देवीपाटन मंडल का जलवा, शिकायतों के निस्तारण में अव्वल

आईजीआरएस की जून 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, देवीपाटन मंडल ने जन शिकायतों के त्वरित और प्रभावी समाधान में प्रदेश भर में पहला स्थान प्राप्त किया है। इस मंडल में शामिल श्रावस्ती, बहराइच, गोंडा और बलरामपुर जिलों ने शिकायतों के निस्तारण में सराहनीय कार्य किया है।
मंडलायुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप जन शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण किया जा रहा है। मंडल स्तर पर लगातार मॉनिटरिंग, शिकायतकर्ता से सीधा फीडबैक और विभागीय आख्या की समयबद्ध जांच ने इस सफलता को संभव बनाया है।

सीएम योगी की सख्त मॉनिटरिंग से प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले कार्यकाल से ही प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। आईजीआरएस पोर्टल को सशक्त बनाना, अधिकारियों को तय समय सीमा में शिकायतों के निस्तारण के निर्देश देना और हर स्तर पर मॉनिटरिंग इस दिशा में अहम कदम रहे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय स्वयं उच्च प्राथमिकता वाली शिकायतों की समीक्षा करता है और सभी जिलों एवं मंडलों के अधिकारियों को यह निर्देशित किया गया है कि निस्तारण सिर्फ कागजों तक सीमित न रहे, बल्कि पीड़ित को वास्तविक राहत मिले। यही कारण है कि आज आईजीआरएस पोर्टल एक प्रभावी “जन संवाद और समाधान” का मॉडल बन चुका है।

वाराणसी और बस्ती मंडल भी पीछे नहीं

देवीपाटन के बाद वाराणसी मंडल ने दूसरा स्थान प्राप्त किया है। काशी क्षेत्र में शिकायतों के निस्तारण में समयबद्धता के साथ-साथ शिकायतकर्ताओं से प्राप्त फीडबैक के आधार पर सुधारात्मक कार्रवाई की जा रही है। वहीं बस्ती मंडल ने तीसरा स्थान प्राप्त कर यह सिद्ध कर दिया है कि प्रशासनिक इच्छाशक्ति और सही नेतृत्व से बेहतर परिणाम संभव हैं। इन दोनों मंडलों में जिला अधिकारियों और तहसील स्तर के कर्मचारियों की तत्परता से न केवल शिकायतों का तेजी से निपटारा हो रहा है, बल्कि सरकार की छवि भी मजबूत हुई है।

फील्ड विज़िट्स और फीडबैक से आया सकारात्मक परिवर्तन

आईजीआरएस सिस्टम की प्रभावशीलता को बढ़ाने में फील्ड विज़िट्स और रेंडम फीडबैक सिस्टम की विशेष भूमिका रही है। देवीपाटन मंडलायुक्त ने स्वयं यह सुनिश्चित किया कि प्रत्येक जिले से यादृच्छिक (random) शिकायतकर्ताओं से संपर्क किया जाए और यह जाना जाए कि निस्तारण केवल कागजों तक ही सीमित न रह जाए।इसके अलावा विभागीय आख्या की भी हर महीने समीक्षा की जाती है ताकि किसी भी स्तर पर लापरवाही या भ्रम की स्थिति उत्पन्न न हो। अधिकारियों को फील्ड में जाकर शिकायतों की सच्चाई परखने का निर्देश दिया गया है जिससे समाधान की प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी हो सकी है।

तकनीक और प्रशासनिक सुधार का आदर्श संगम

आईजीआरएस पोर्टल के संचालन में तकनीक की भूमिका तो स्पष्ट है ही, लेकिन इसके साथ-साथ मानव संसाधनों की प्रतिबद्धता और प्रशासनिक इच्छाशक्ति ने इस सिस्टम को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। योगी सरकार ने केवल एक तकनीकी प्लेटफॉर्म तैयार नहीं किया, बल्कि यह सुनिश्चित किया कि इसमें दर्ज हर शिकायत को गंभीरता से लिया जाए। प्रदेश सरकार ने अधिकारियों के परफॉर्मेंस इंडेक्स में भी जन शिकायतों के निस्तारण को अहम मापदंड बनाया है। इससे अब अधिकारियों को यह समझ में आ चुका है कि शिकायतों की अनदेखी केवल शिकायतकर्ता के ही नहीं, बल्कि उनके करियर के लिए भी हानिकारक हो सकती है।

आईजीआरएस: जनता की आवाज, सरकार की जवाबदेही

आईजीआरएस आज केवल एक ऑनलाइन पोर्टल नहीं, बल्कि जनता की आवाज बन चुका है। इसके माध्यम से नागरिक न केवल अपनी समस्याए दर्ज करवा सकते हैं, बल्कि उन्हें समाधान की पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने का अधिकार भी मिला है। शिकायतकर्ता पोर्टल के माध्यम से यह देख सकते हैं कि उनकी शिकायत पर किस अधिकारी ने क्या कार्यवाही की, कौन सी रिपोर्ट दाखिल हुई और समाधान में कितना समय लगा। इस डिजिटल ट्रैकिंग प्रणाली से सरकार और जनता के बीच संवाद की खाई कम हुई है।

 एक मजबूत और जवाबदेह प्रशासन की दिशा में बढ़ते कदम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने आईजीआरएस जैसे प्लेटफॉर्म को प्रभावी बनाकर गुड गवर्नेंस की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है। आज यह पोर्टल केवल शिकायतों का माध्यम नहीं, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता, समयबद्धता और जवाबदेही का प्रतीक बन गया है। जून माह की रिपोर्ट यह दर्शाती है कि यदि शासन-प्रशासन ईमानदारी से कार्य करें, तो कोई भी समस्या अनसुलझी नहीं रह सकती। देवीपाटन, वाराणसी और बस्ती मंडलों ने इस बात को सिद्ध कर दिया है कि आमजन की पीड़ा को गंभीरता से लिया जाए, तो लोकतंत्र और मजबूत होता है।

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