Yogi Government: प्रदेश में हाथ से मैला उठाने की प्रथा समाप्त, घर-घर शौचालय योजना ने किया ऐतिहासिक बदलाव: डा. निर्मल
Yogi Government: उत्तर प्रदेश में हाथ से मैला उठाने की प्रथा समाप्त हो गई है, यह ऐतिहासिक बदलाव स्वच्छ भारत मिशन और घर-घर शौचालय योजना के तहत संभव हुआ। डा. निर्मल ने सम्मेलन में कहा कि इस योजना के तहत 32,473 लोगों के खाते में 12.98 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए गए हैं।
Yogi Government: उत्तर प्रदेश में हाथ से मैला उठाने की प्रथा पर अब पूरी तरह से समाप्ति का परदा पड़ गया है। सरकार की स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर शौचालय योजना ने इस कुप्रथा को समाप्त कर दिया है। इस ऐतिहासिक बदलाव के परिणामस्वरूप, अब सफाई कर्मचारियों और विशेष रूप से मैला उठाने वाली महिलाओं को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिल रहा है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य न केवल सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाना था, बल्कि सामाजिक बदलाव लाकर समाज के कमजोर वर्ग को मुख्यधारा में लाने का भी था।
आज डा. अंबेडकर महासभा के परिसर में आयोजित राज्य सम्मेलन में, सामुदायिक शौचालय की महिला केयर टेकरों ने भाग लिया। इस सम्मेलन की अध्यक्षता प्रख्यात समाजसेवी श्री संतोष बाल्मीकि ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में सदस्य विधान परिषद और पूर्व चेयरमैन अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम डा. लालजी प्रसाद निर्मल ने सम्मेलन को संबोधित किया। डा. निर्मल ने कहा कि सफाई कर्मियों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा और उन्हें सभी अधिकार मिलेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से मैला उठाने की प्रथा को समाप्त किया गया है।
मैला उठाने वाली महिलाओं को आर्थिक सहायत
डा. निर्मल ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत मैला उठाने वाले पेशे से जुड़ी महिलाओं के खातों में 40-40 हजार रुपये स्थानांतरित किए गए। इसके तहत 32,473 लोगों को कुल 12.98 करोड़ रुपये की धनराशि उनके खातों में भेजी गई है। इससे न केवल उनके जीवन स्तर में सुधार हुआ है, बल्कि उनका सम्मान भी बढ़ा है। इसके अलावा, सामुदायिक शौचालय केयर टेकर की समस्याओं के समाधान के लिए भी सरकार तत्पर है।
महिला केयर टेकर के मानदेय में वृद्धि की मांग
सम्मेलन के आयोजन के दौरान, श्री संतोष बाल्मीकी ने महिला केयर टेकर के मानदेय को लेकर एक महत्वपूर्ण मांग उठाई। उन्होंने कहा कि महिला केयर टेकर का वर्तमान मानदेय केवल 6000 रुपये प्रति माह है, जो बहुत ही कम है। इसे बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति माह किया जाना चाहिए और अनुदान राशि को सीधे उनके खातों में जमा किया जाना चाहिए।
केयर टेकर मोर्चा की मांग
सामुदायिक शौचालय केयर टेकर मोर्चा के अध्यक्ष सनी कुमार ने भी सम्मेलन में महिला केयर टेकर के मानदेय में वृद्धि करने की बात की। उन्होंने यह भी मांग की कि उनका अनुदान समय पर और उनके संबंधित खातों में जमा किया जाए, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की वित्तीय कठिनाई का सामना न करना पड़े।
सम्मेलन में अन्य वक्ताओं की सहभागिता
सम्मेलन में करीब 400 महिला कर्मियों ने भाग लिया। इस अवसर पर अमरनाथ प्रजापति, रचना चंद्रा, विनोद खरवार और अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने सामूहिक रूप से महिला केयर टेकर की समस्याओं और उनके अधिकारों की बात की और सरकार से उनकी स्थिति को बेहतर बनाने की अपील की।
स्वच्छ भारत मिशन का प्रभाव
स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत से ही सरकार ने कई योजनाओं की शुरुआत की है, जो सफाई व्यवस्था को सुधारने के साथ-साथ समाज के पिछड़े वर्ग के उत्थान में भी योगदान कर रही हैं। घर-घर शौचालय योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों का निर्माण कर महिलाओं को खुले में शौच से मुक्ति दिलाई गई है। इससे न केवल स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ा है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा को भी बढ़ावा मिला है।
वर्तमान स्थिति और आगे की योजनाएं
स्वच्छ भारत मिशन के तहत राज्य सरकार ने अब तक लाखों शौचालयों का निर्माण किया है और इससे लाखों परिवारों को लाभ हुआ है। भविष्य में, इस मिशन को और भी अधिक गति दी जाएगी ताकि पूरे प्रदेश में हर व्यक्ति को स्वच्छता का अधिकार मिल सके।
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