Stock Market Crash : वैश्विक बाजारों में अस्थिरता का प्रभाव
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वित्तीय अस्थिरता और प्रमुख देशों के आर्थिक नीतियों में बदलाव का असर भारतीय शेयर बाजार (Stock Market Crash) पर भी पड़ा। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना और वैश्विक मंदी की चिंताओं ने निवेशकों की भावनाओं को कमजोर किया। एशियाई और यूरोपीय बाजारों में भी गिरावट देखी गई, जिसका सीधा असर भारतीय बाजारों पर पड़ा। Stock Market Crash : अमेरिका और यूरोप में हो रहे आर्थिक परिवर्तन, खासकर महंगाई दर और ब्याज दरों को लेकर हो रहे बदलावों ने निवेशकों को चिंता में डाल दिया है। इसके अलावा, चीन की धीमी आर्थिक विकास दर और यूरोप में ऊर्जा संकट ने भी निवेशकों की धारणा को कमजोर किया।
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देश के अंदर भी कुछ कारणों ने बाजार में गिरावट को बढ़ावा दिया। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हाल ही में दिए गए संकेतों के अनुसार, भविष्य में ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना को लेकर निवेशकों में चिंता बढ़ी है। इसके अलावा, कई बड़ी कंपनियों के तिमाही परिणाम उम्मीद से कमजोर रहे, जिससे निवेशकों का विश्वास डगमगा गया। वित्तीय क्षेत्र के साथ-साथ, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट दर्ज की गई।
Stock Market Crash : प्रमुख क्षेत्रों में गिरावट
आज के कारोबार में बैंकिंग, आईटी, ऑटोमोबाइल और धातु क्षेत्रों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई। सेंसेक्स में शामिल प्रमुख कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस और मारुति सुजुकी के शेयरों में भारी गिरावट रही। आईटी सेक्टर: आईटी कंपनियों के शेयरों में भी भारी बिकवाली देखने को मिली। खासतौर पर टीसीएस, विप्रो और इंफोसिस जैसे बड़े नामों के शेयरों में 3% से अधिक की गिरावट रही। टीसीएस रिजल्ट टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का नेट प्रॉफिट दूसरी तिमाही में 1.1 प्रतिशत घटकर 11,909 करोड़ रुपये रह गया, जो तिमाही दर तिमाही आधार पर 12,040 करोड़ रुपये था। अमेरिकी बाजारों में आईटी क्षेत्र की मांग में गिरावट की संभावनाओं ने इस सेक्टर को दबाव में रखा।
कच्चा तेल: कच्चे तेल की कीमतों में 3 फीसद की रात की रैली के बाद गिरावट आई। ब्रेंट क्रूड 0.34 फीसद गिरकर 79.13 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जबकि अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) क्रूड वायदा 0.29 फीसद गिरकर 75.63 डॉलर पर आ गया।
बैंकिंग सेक्टर: भारतीय बैंकिंग सेक्टर, जो पिछले कुछ हफ्तों से अच्छा प्रदर्शन कर रहा था, आज दबाव में रहा। प्रमुख बैंकों के शेयरों में 2% से 4% तक की गिरावट दर्ज की गई। ऑटोमोबाइल सेक्टर: ऑटो सेक्टर, जो त्योहारी सीजन से पहले मजबूत स्थिति में था, आज की गिरावट से अछूता नहीं रहा। मारुति सुजुकी और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में 2% से अधिक की गिरावट रही।
एफआईआई ने बड़े पैमाने पर भारतीय बाजार से धन निकाला
शेयर बाजार की इस गिरावट के पीछे एक बड़ा कारण विदेशी निवेशकों द्वारा भारी बिक्री भी रहा। एफआईआई (फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स) ने बड़े पैमाने पर भारतीय बाजार से धन निकाला है। पिछले कुछ हफ्तों में विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार बिक्री देखने को मिली है, जिससे बाजार में दबाव बढ़ा है। यह भी पढ़ें : Karisma Kapoor weight loss : करिश्मा कपूर ने 25 किलो वजन कैसे घटाया, जानिए उनके आसान डाइट टिप्स तकनीकी विश्लेषण
तकनीकी विश्लेषकों के अनुसार, निफ्टी के 24,400 के स्तर पर पहुंचने के बाद अब यह महत्वपूर्ण है कि यह 24,000 के स्तर को न तोड़े, अन्यथा और गिरावट की संभावना हो सकती है। वहीं, सेंसेक्स के लिए 80,000 का स्तर अहम है। यदि बाजार इससे नीचे फिसलता है, तो निवेशकों को बड़ी बिकवाली का सामना करना पड़ सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि त्योहारी सीजन के दौरान उपभोक्ता मांग में बढ़ोतरी और सरकार द्वारा किए जा रहे विभिन्न नीतिगत सुधार बाजार को स्थिर कर सकते हैं। हालांकि, वर्तमान में निवेशकों को बाजार की अस्थिरता के प्रति सतर्क रहने और दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी जाती है।