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मुरैना

लोग बोले: जौरा थाने के बगल से विस्फोट, कार्रवाई क्यों नहीं

जौरा थाने के पास हुए विस्फोट के मामले में पांच आरोपी नामजद, दो गिरफ्तार, पूर्व में यहीं से जब्त पटाखों में विस्फोट से जा चुकी है आरक्षक की मौत, पुलिस की लापरवाही

मुरैनाMay 11, 2025 / 03:27 pm

Ashok Sharma

मुरैना. जौरा थाने से कुछ ही दूरी पर कस्बे की इस्लामपुरा रोड की गली में 9 मई की शाम को हुए विस्फोट के मामले में पुलिस ने पांच लोगों को नामजद किया है, उनमें से दो को गिरफ्तार कर लिया है। विस्फोट को लेकर लोगों का कहना हैं कि थाने के पास ही पटाखों का भंडारण था फिर भी पुलिस अधीक्षक ने अभी तक पुलिस स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है।
विस्फोट के धमाके से इस्लामपुरा रोड की गली में दो मंजिला इमारत ढह गई। वहीं आसपास के 5 मकान क्षतिग्रस्त हुए। विस्फोट के बाद पुलिस ने घर के मलबे से दो कट्टे बारूद के साथ बड़ी मात्रा में पटाखे जब्त किए थे। जौरा पुलिस ने विस्फोट के मामले में अशोक उर्फ आशिक मंसूरी निवासी इस्लामपुरा गली नंबर दो, उसके लडक़े जावेद, पत्नी सगीना, अशोक का भाई शहजाद एवं उसके लडक़े सलमान के खिलाफ अपराध दर्ज किया है और पुलिस ने आरोपी जावेद व सलमान को गिरफ्तार कर लिया है।

इससे पूर्व के विस्फोटों में नहीं हो सकी जांच

वर्तमान पुलिस अधीक्षक के कार्यकाल में जौरा का विस्फोट चौथा है, इससे पूर्व 19 अक्टूबर 2024 को इस्लामपुरा में विस्फोट हुआ था जिसमें मां-बेटी की मौत हुई थी और पांच मकान क्षतिग्रस्त हुए थे। 25 नवंबर 2024 को राठौर कॉलोनी टंच रोड पर विस्फोट हुआ, उसमें चार लोगों की मौत और पांच मकान क्षतिग्रस्त हुए। इसके अलावा 25 नवंबर 2024 को सुमावली में हुए विस्फोट में मकान क्षतिग्रस्त हुआ था। उक्त मामलों में आज तक जांच पूरी नहीं हो सकी है।

लोगों की जान गई फिर भी सक्रिय नहीं हुई पुलिस

मुरैना शहर में हुए दो बड़े विस्फोटों में आधा दर्जन लोगों की जान चली गई। उसके बाद पुलिस व प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने सख्त निर्देश दिए थे कि प्रत्येक थाना प्रभारी अपने अपने क्षेत्र में सर्चिंग करें और जहां भी विस्फोटक सामग्री मिले, संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करें लेकिन जौरा में तो थाने के पास ही पटाखों का जखीरा रखा रहा और पुलिस की निष्क्रीयता के चलते बड़ा विस्फोट हो गया। गनीमत हैं कि जिस समय विस्फोट हुआ उस समय मकान में काई नहीं था, अन्यथा यहां भी जनहानि हो जाती।

जौरा थाने में हुए पटाखों में विस्फोट में जा चुकी है आरक्षक की जान

वर्ष 2019 में भी आरोपी शहजाद के घर से बड़ी मात्रा में पटाखे जब्त किए थे, उनमें थाना परिसर मे विस्फोट हो गया था, उस विस्फोट में तीन पुलिस आरक्षक गंभीर रूप से घायल हुए थे, उनमें से एक आरक्षक जितेन्द्र गुर्जर की इलाज के दौरान मौत हो गई। इससे पूर्व जौरा में वर्ष 2024 में भी विस्फोट हो चुका है। जौरा पुलिस ने शहर में हुए विस्फोटों से सबक लेकर सक्रियता से जांच की होती तो ये विस्फोट नहीं होता।

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