महाराष्ट्र के अमरावती में महानुभाव आश्रम शतकपूर्ति समारोह (Mahanubhav Ashram Shatakpurti Samaroh) को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, “धर्म की गलत समझ के कारण दुनिया में अत्याचार हो रहे हैं। धर्म की सही व्याख्या करने वाले समाज का होना जरूरी है। धर्म बहुत महत्वपूर्ण है, इसे ठीक से सिखाया जाना चाहिए। धर्म को समझना होगा, अगर इसे ठीक से नहीं समझा गया तो धर्म का आधा ज्ञान ‘अधर्म’ की ओर ले जाएगा। धर्म का अनुचित और अधूरा ज्ञान ‘अधर्म’ की ओर ले जाता है।“
मोहन भागवत ने आगे कहा, “दुनिया में धर्म के नाम पर जितने भी जुल्म और अत्याचार हो रहे हैं वे धर्म के बारे में गलतफहमियों के कारण ही हुए हैं। इसलिये सम्प्रदायों को अपने धर्म पर काम करना और अपना धर्म समझाना आवश्यक है।“
पिछले हफ्ते देश में एकता और सद्भाव बढ़ाने का आग्रह करते हुए आरएसएस चीफ ने कहा था कि दुश्मनी पैदा करने के लिए विभाजनकारी मुद्दे नहीं उठाए जाने चाहिए। पुणे में हिंदू सेवा महोत्सव के उद्घाटन पर बोलते हुए भागवत ने कहा था, ”…राम मंदिर के निर्माण के बाद, कुछ लोगों को लगता है कि वे नई जगहों पर इसी तरह के मुद्दों को उठाकर हिंदुओं के नेता बन सकते हैं। यह स्वीकार्य नहीं है।“ मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण इसलिए किया गया क्योंकि यह सभी हिंदुओं की आस्था का विषय था। उन्होंने किसी विशेष स्थल का उल्लेख किए बिना कहा, ‘‘हर दिन एक नया विवाद उठाया जा रहा है। इसकी अनुमति कैसे दी जा सकती है? यह जारी नहीं रह सकता।’’