अधिकारियों ने बताया कि चंद्रपुर में ग्रामीणों पर हमला करने के चलते दिसंबर में इन जानवरों को गोरेवाडा रेस्क्यू सेंटर में शिफ्ट किया गया था। जिसमें से एक बाघ की 20 दिसंबर को और दो अन्य की 23 दिसंबर को मौत हो गई। बाघों की मौत के बाद जांच के लिए सैंपल भोपाल स्थित आईसीएआर-एनआईएसएचएडी भेजे गए थे।
जिसकी रिपोर्ट 1 जनवरी को आई। इसमें पुष्टि हुई कि जानवरों की मौत H5N1 बर्ड फ्लू से हुई है। इस बीच, गोरेवाडा रेस्क्यू सेंटर में मौजूद 26 तेंदुओं और 12 बाघों का टेस्ट किया गया और वे सभी स्वस्थ पाए गए हैं। हालांकि महाराष्ट्र के सभी चिड़ियाघरों, रेस्क्यू केंद्रों और ट्रांजिट केंद्रों पर रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जंगली मांसाहारियों में बर्ड फ्लू आमतौर पर संक्रमित शिकार या कच्चे मांस के खाने की वजह से होता है। फिलहाल अधिकारी H5N1 वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच कर रहे है।