एनसीपी के स्थापना दिवस समारोह में जयंत पाटिल ने अपने संबोधन में कहा, “पवार साहब ने मुझे सात वर्षों तक यह ज़िम्मेदारी दी। अब समय आ गया है कि नए चेहरों को आगे लाया जाए।” उनके इन शब्दों से कार्यक्रम में मौजूद पार्टी कार्यकर्ता भावुक हो उठे और उन्होंने पाटिल से पद न छोड़ने की गुहार लगाई।
इस भावुक माहौल के बीच जयंत पाटिल ने कार्यकर्ताओं से शांत रहने की अपील की और कहा, यह पार्टी पवार साहब की है, और उचित निर्णय लेने का अधिकार भी उन्हीं का है। मैं पवार साहब और सभी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करता हूं।
उन्होंने कहा, “मुझे पवार साहब ने कई अवसर दिए। सात वर्षों तक जिम्मेदारी सौंपी। अंततः पार्टी को नए चेहरों को मौका देना आवश्यक है। मैं आप सभी के समक्ष पवार साहब से विनती करूंगा कि वह नए लोगों को अवसर दें। आखिर यह पार्टी पवार साहब की है, और उन्हें इस पर उचित निर्णय लेना चाहिए। हमें अभी बहुत आगे जाना है।” हालांकि इस दौरान कार्यकर्ता नहीं-नहीं कहकर जयंत पाटिल की इच्छा का विरोध कर रहे थे।
एनसीपी के स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए शरद पवार-
गौरतलब है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की स्थापना शरद पवार ने की थी, और जुलाई 2023 में पार्टी का विभाजन तब हुआ जब अजित पवार बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) सरकार में शामिल हो गए। अजित पवार के साथ ही एनसीपी के अधिकतर विधायक भी सत्तारूढ़ खेमे में आ गए। तब से जयंत पाटिल ने एनसीपी (शरद पवार गुट) को मजबूती से संभाला है। भले ही जयंत पाटिल इस्तीफा देकर नए चेहरे को मौका देकर पार्टी के भविष्य और नेतृत्व को नया आकार देने पर जोर दे रहे हैं, लेकिन उनके समर्थक अब भी चाहते हैं कि पाटिल ही महाराष्ट्र में संगठन का नेतृत्व करते रहें।