सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक ऑडियो क्लिप में दो डॉक्टरों के बीच कथित बातचीत सुनाई दी, जिसमें खुलासा हुआ कि डॉ. शशिकांत देशपांडे ने एक कोविड-19 पीड़ित मरीज को मारने का निर्देश दिया था। इस पर उनके सहकर्मी डॉ. शशिकांत डांगे ने सावधानीपूर्वक जवाब देते हुए कहा कि ऑक्सीजन सहायता पहले ही कम कर दी गई थी।
पुलिस ने महिला मरीज के पति की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए डॉक्टर देशपांडे के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य करने और अन्य अपराधों के कानूनी प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है।
क्या है मामला?
सोशल मीडिया पर वायरल कथित ऑडियो क्लिप 2021 का बताया जा रहा है, जब कोविड-19 चरम पर था और अस्पताल मरीजों से भरे हुए थे। इसी दौरान दयामी अजीमुद्दीन गौसुद्दीन (53) की पत्नी कौसर फातिमा भी कोरोना संक्रमित हो गयीं, हालांकि वह इलाज के बाद ठीक हो गई थीं। कौसर फातिमा को लातूर के कोविड-19 देखभाल केंद्र में भर्ती कराया गया था। जहां डॉ शशिकांत डांगे तैनात थे, जबकि डॉ. शशिकांत देशपांडे उस समय लातूर के उदगीर सरकारी अस्पताल में अतिरिक्त जिला सर्जन थे। डॉ. देशपांडे कथित तौर पर यह कहते हुए सुने गए, “किसी को भी अंदर जाने की इजाजत मत दो, बस उस दयामी नाम की महिला को मार दो।” इस पर डॉ. डांगे ने कहा कि ऑक्सीजन पहले ही कम कर दी गई है।
गौसुद्दीन की शिकायत के आधार पर उदगीर शहर पुलिस ने 24 मई को देशपांडे के खिलाफ मामला दर्ज किया है। गौसुद्दीन ने दावा किया कि दोनों डॉक्टर उनके करीब ही फोन पर उनकी पत्नी को मारने की बातचीत कर रहे थे। लेकिन उस समय उनकी पत्नी की हालत ठीक नहीं थी, इसलिए वे लाचार थे और कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सके।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गौसुद्दीन की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया है और डॉक्टर के मोबाइल फोन को जब्त किया गया है और उन्हें नोटिस जारी किया है। इस मामले में विस्तार से जांच की जा रही है, उनका बयान दर्ज किया जा रहा है।