लाडकी बहिन योजना (Mukhyamantri Majhi Ladki Bahin Yojana) के अंतर्गत अपात्र महिलाओं के कई मामले सामने आए हैं। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि सभी को बिना छानबीन के लाभ देना सही नहीं था। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब योजना के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों की छानबीन का काम चल रहा है, और आगे से केवल जरूरतमंद और पात्र महिलाओं को ही इसका लाभ दिया जाएगा।
सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए अजित पवार ने कहा, “लाडली बहना योजना (लाडकी बहीण योजना) के लाभार्थियों की जांच करके इस गलती को सुधारा जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल असल लाभार्थियों को ही 1,500 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाए।” हालांकि, उन्होंने कहा कि अपात्र होने वाली महिलाओं के बैंक खातों में जमा पैसे वापस नहीं लिए जाएंगे।
डिप्टी सीएम ने इस चूक के लिए जल्दबाजी में योजना के क्रियान्वयन को जिम्मेदार ठहराया। लाडकी बहिन योजना की घोषणा पिछले साल नवंबर में हुए राज्य विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले की गई थी।
वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे अजित पवार ने कहा, “हमने सभी महिला आवेदकों को वित्तीय लाभ देकर गलती की। हमारे पास आवेदनों की जांच करने और अयोग्य लोगों की पहचान करने के लिए बहुत कम समय था। उस समय दो से तीन महीने में चुनावों की घोषणा होनी थी।”
उन्होंने आगे कहा, “जब इस योजना की शुरुआत की गई थी, तो सरकार ने अपील की थी कि केवल पात्र महिलाएं ही आवेदन करें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसकी जांच की जा रही है। केवल जरूरतमंद महिलाओं को ही मासिक सहायता राशि मिलेगी।”
हाल ही में महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने बताया था कि 2,289 सरकारी कर्मचारियों की पहचान की गई है, जो गरीब महिलाओं के लिए बनाई गई लाडकी बहिन योजना (Mukhyamantri Ladki Bahin Yojana) योजना का लाभ उठा रहे थे। जबकि वह इस योजना के लिए पात्र ही नहीं है।
गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना (Mukhyamantri Ladki Bahin Yojana) 17 अगस्त 2024 को शुरू की गई थी, जिसका मकसद 21 से 65 साल की आयु की उन गरीब महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है। 1 जुलाई से लागू इस योजना की क़िस्त सितंबर महीने से वितरित की जा रही है।
इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये की मासिक सहायता दी जाती है। माना जाता है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन की प्रचंड जीत में इस योजना की अहम भूमिका रही।