कोंकण क्षेत्र में बारिश ने विशेष रूप से जोर पकड़ा है। मुंबई, ठाणे, पालघर, रायगढ़ और रत्नागिरी जिलों में अगले हफ्ते भी मूसलधार बारिश की संभावना जताई गई है, जबकि कुछ इलाकों में बेहद तीव्र बारिश भी हो सकती है। हालांकि मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे बारिश की तीव्रता थोड़ी कम होने की संभावना जताई है, लेकिन उसके बाद भारी बारिश का सिलसिला फिर शुरू होने का अनुमान है। रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिले में कुछ जगहों पर तेज बारिश की संभावना बनी हुई है।
घाट क्षेत्रों में भी मूसलाधार बारिश की चेतावनी दी गई है। अगले 24 घंटे बारिश की तीव्रता कम होने के बावजूद पुणे, नासिक और सतारा के पहाड़ी इलाकों में कुछ स्थानों पर भीषण बरसात हो सकती है। इन इलाकों में भूस्खलन और सड़कों के बाधित होने की आशंका भी है, इसलिए स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
नासिक के हरसुल और सतारा के महाबलेश्वर में 24 घंटे में हुई 210 मिमी बारिश-
नासिक, अहमदनगर, पुणे और कोल्हापुर में अगले तीन-चार दिनों तक हलकी से माध्यम बारिश का अनुमान है। वहीं, विदर्भ क्षेत्र के अकोला, अमरावती, नागपुर, वर्धा, भंडारा, गोंदिया, चंद्रपुर, यवतमाल, वाशिम और बुलढाणा जिलों में गरज के साथ बारिश हो सकती है। धुले, नंदुरबार और जलगांव में भी आंधी तूफान के साथ हलकी बारिश की संभावना है। मराठवाड़ा के छत्रपति संभाजीनगर, जालना, परभणी, हिंगोली और नांदेड जिलों में भी गरज-चमक, तेज हवाएं और हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई गई है।
कहां पहुंचा मानसून?
आईएमडी के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश के शेष भागों, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ भागों, उत्तराखंड के अधिकांश भागों, हिमाचल प्रदेश के कई भागों और लद्दाख के कुछ भागों में आगे बढ़ गया है। झारखंड में अलग-अलग स्थानों पर 20 जून को भारी से बहुत भारी बारिश और उत्तर-पश्चिम भारत और मध्य प्रदेश में 22 जून से बारिश की गतिविधि बढ़ने की संभावना है। जबकि पूर्वोत्तर भारत में अगले सात दिनों के दौरान भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की संभावना है।