सीएम फडणवीस ने कहा, सरकार ऐसे प्लान काम कर रही है जिसमें बिना ज्यादा किराया बढ़ाए एसी लोकल ट्रेनें शुरू की जाएंगी। उन्होंने माना कि पीक ऑवर्स के दौरान हमारी वहन क्षमता कम होती है। इसलिए हमें इसे मजबूत करने की जरूरत है। हम इस पर काम करेंगे। मेट्रो नेटवर्क की कमी के कारण लोकल ट्रेनों में भीड़ बढ़ गई है।
फडणवीस ने कहा, “हमारे रेल मंत्री ने जोर दिया है कि चूंकि मुंबई की नॉन एसी लोकल ट्रेनों में दरवाजे नहीं होते हैं, इसलिए दुर्घटना की संभावना अधिक होती है। इसलिए ऐसी ट्रेनों में दरवाजा लगाया जाएगा। वेंटिलेशन का भी ध्यान रखा जाएगा। मुंबई में बड़ी संख्या में एसी लोकल ट्रेनें चलाने के प्रयास चल रहे हैं। लेकिन इससे यात्रियों पर किराये का बोझ न पड़े, इस दिशा में काम किया जा रहा है।“
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकल ट्रेनों में अब वेंटिलेशन यानी हवा की आवाजाही बेहतर बनाने की दिशा में ठोस उपाय किए जाएंगे। लोकल ट्रेन के डिब्बों में वेंटिलेशन और नए डिजाइन पर काम जारी है। हादसे के बाद रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव की भूमिका पर सवाल उठाए गए, जिनका जवाब देते हुए फडणवीस ने कहा, “मैंने मीडिया में देखा कि रेल मंत्री को असंवेदनशील बताया गया, लेकिन कल (9 जून) वे मेरे साथ ढाई घंटे तक इस विषय पर चर्चा कर रहे थे।”
फडणवीस ने यह भी बताया कि सरकारी कार्यालयों को फ्लेक्सी टाइम की सुविधा दी जा रही है ताकि पीक आवर्स की भीड़ कम हो सके, लेकिन निजी कंपनियों में इसे लागू करने में चुनौतियां हैं। हम सार्वजनिक परिवहन की क्षमता बढ़ाने का प्रयास करेंगे। मुंबई में प्रतिदिन करीब 75 लाख यात्री उपनगरीय ट्रेन से यात्रा करते हैं।
गौरतलब हो कि रेलवे बोर्ड में सूचना एवं प्रचार के कार्यकारी निदेशक (EDIP) दिलीप कुमार ने सोमवार को बताया कि मुंबई में हुई दुखद घटना के मद्देनजर रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने रेलवे की ICF टीम के साथ विस्तृत बैठक की। इसका उद्देश्य मुंबई उपनगरीय क्षेत्र में लोकल नॉन-एसी ट्रेनों में स्वचालित दरवाज़े बंद होने की समस्या का व्यावहारिक समाधान खोजना था। नॉन-एसी ट्रेनों में स्वचालित दरवाजे बंद होने की मुख्य समस्या वेंटिलेशन कम होने के कारण दम घुटना है। विस्तृत चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि नई नॉन-एसी ट्रेनें डिजाइन और निर्मित की जाएंगी, और ट्रेनों में तीन डिजाइन परिवर्तनों का उपयोग करके वेंटिलेशन की मुख्य समस्या का समाधान किया जाएगा।”