यह बात उन्होंने उस समय कही जब वरिष्ठ पत्रकार उदय निरगुडकर ने उनसे सवाल किया कि जब बीजेपी केंद्र और राज्य दोनों में सत्ता में है, विपक्ष बिखरा हुआ है, फिर भी सुधाकर बडगुजर जैसे नेता पार्टी में क्यों लिए जा रहे हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष गडकरी ने कहा कि उन्होंने बडगुजर का चेहरा भी नहीं देखा है और उन्हें नहीं मालूम कि वे कौन हैं। इस बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है।
इस कार्यक्रम का आयोजन शनिवार को बीजेपी नागपुर महानगर की ओर से कविवर्य सुरेश भट्ट सभागार में किया गया था। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के 11 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था। इस दौरान गडकरी ने बीते 11 वर्षों की केंद्र सरकार की योजनाओं को विकास की दिशा में निर्णायक बताते हुए कहा कि इन योजनाओं ने देश की तस्वीर बदलने में अहम भूमिका निभाई है।
कांग्रेस पर साधा निशाना
साक्षात्कार के दौरान गडकरी ने हिंदुत्व को लेकर भी अपनी बात बेबाकी से रखी। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। हम इस मुद्दे पर महापालिका चुनाव नहीं लड़ेंगे। हिंदुत्व एक जीवनशैली है। भारतीयता और राष्ट्रवाद ही असली हिंदुत्व है। कांग्रेस ने ‘हिंदू’ शब्द का गलत अर्थ निकाला है। वास्तव में हिंदुत्व का मतलब है सभी को साथ लेकर चलने वाली विचारधारा। हिंदुत्व किसी धर्म के खिलाफ नहीं है, और ऐसा करना हमारी संस्कृति भी नहीं है।
‘अभी असली फिल्म बाकि है…’
वहीँ, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 2029 के आम चुनाव में उनकी भूमिका के बारे में पूछे जाने पर कहा कि पिछले 11 वर्षों में जो कुछ देखा गया वह सिर्फ एक ‘न्यूज रील’ थी और ‘असली फिल्म’ अभी आनी बाकी है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी ही अपने कार्यकर्ताओं के लिए जिम्मेदारियां तय करती है और बीजेपी उनके लिए जो भी जिम्मेदारी तय करेगी, वह उसे निभायेंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा, ‘‘अभी तक जो हुआ है वो तो न्यूज रील थी। असली फिल्म शुरू होना बाकी है। किसी कार्यकर्ता की क्या जिम्मेदारी होगी और वह क्या काम करेगा, यह पार्टी तय करती है। मुझे जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, मैं उसे पूरा करूंगा।