वहीं, एनसीपी नेता व वैष्णवी के ससुर राजेंद्र हगवणे और देवर सुशील हगवणे फिलहाल फरार हैं। पुलिस दोनों फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है। बता दें कि राजेंद्र हगवणे अजित पवार गुट के राज्य कार्यकारिणी के सदस्य हैं।
डिप्टी सीएम अजित पवार नीत एनसीपी के पदाधिकारी राजेंद्र हगवणे के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद हड़कंप मच गया है। वैष्णवी को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप है। वैष्णवी के पिता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है कि ससुराल वालों ने दहेज की मांग को लेकर उनकी बेटी को लगातार मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। उसके शरीर पर मारपीट के कई निशान है।
अधिकारियों ने बताया कि बावधन पुलिस ने इस मामले में दहेज प्रताड़ना और आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। विसरा सुरक्षित रखा गया है और जांच में नए तथ्य सामने आने पर धाराएं बढ़ाई जा सकती हैं।
हादसे के दिन 16 मई को वैष्णवी ने खुद को कमरे में बंद कर लिया था और कुछ समय बाद पति शशांक ने दरवाजा खटखटाया। जवाब न मिलने पर दरवाजा तोड़ा गया, जिसके बाद घटना का पता चला। वैष्णवी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने इलाज शुरू होने से पहले ही उसे मृत घोषित कर दिया।
एक्शन में महिला आयोग
वहीँ, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने सोमवार को महाराष्ट्र पुलिस प्रमुख को एनसीपी नेता की बहू के कथित दहेज उत्पीड़न और मौत के मामले में निष्पक्ष व समयबद्ध जांच करने का निर्देश दिया। आयोग ने मामले पर स्वत: संज्ञान लिया और तीन दिन के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही आरोपों की पुष्टि होने पर सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया है। मृतक महिला की आठ साल पहले शादी हुई थी।