महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विश्वासपात्र और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के करीबी माने जाने वाले रवींद्र चव्हाण को भाजपा के महाराष्ट्र प्रदेशाध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया है। केंद्रीय पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने रवींद्र चव्हाण के निर्विरोध चुनाव की घोषणा की। इस दौरान उन्हें नियुक्ति पत्र भी सौंपा गया। वह महाराष्ट्र भाजपा के 12वें अध्यक्ष चुने गए।
महाराष्ट्र में चंद्रशेखर बावनकुले को फडणवीस कैबिनेट में शामिल किए जाने के बाद बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने इस साल जनवरी में रवींद्र चव्हाण को प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था। चव्हाण डोंबिवली से चार बार विधायक रहे हैं और शिंदे सरकार में मंत्री रह चुके हैं। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में बावनकुले का तीन साल का कार्यकाल अगस्त 2025 में समाप्त होने वाला था।
रवींद्र चव्हाण का राजनीतिक सफर
रविंद्र चव्हाण ने 2007 में कल्याण-डोंबिवली महापालिका से नगरसेवक के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। उस समय कांग्रेस-राष्ट्रवादी गठबंधन की सत्ता होते हुए भी वे स्थायी समिती के सभापती बने। 2009 में भाजपा ने डोंबिवली के तत्कालीन विधायक हरिश्चंद्र पाटिल का टिकट काटकर उन्हें उम्मीदवार बनाया और वे पहली बार विधायक चुने गए। इसके बाद 2014 में दूसरी बार और 2019 में तीसरी बार विधायक बने। 2015-16 के दौरान ठाणे, कल्याण-डोंबिवली, मीरा-भाईंदर, उल्हासनगर, पनवेल सहित कई महापालिकाओं में भाजपा का प्रभाव बढ़ा, जिसका श्रेय भी चव्हाण को दिया गया। इस दौरान वे राज्यमंत्री बने और पालघर, रायगढ़ जिलों के संरक्षक मंत्री पद की जिम्मेदारी भी संभाली।
2021 में एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार के गठन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसके बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया और लोकनिर्माण विभाग (PWD) की जिम्मेदारी सौंपी गई। साथ ही वे सिंधुदुर्ग जिले के संरक्षक मंत्री भी रहे। 2024 में वे चौथी बार ठाणे जिले के डोंबिवली से विधायक चुने गए हैं।