सतीश सालियन ने याचिका में शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे, अभिनेता सूरज पंचोली और डिनो मोरिया के साथ ही मुंबई पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि उनकी बेटी की मौत आत्महत्या नहीं थी, बल्कि उसके साथ सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी हत्या की गई थी।
सतीश सालियन का कहना है कि उनकी बेटी अपने करियर को लेकर बहुत गंभीर थी और आत्महत्या करने जैसा कदम वह नहीं उठा सकती। जब यह घटना हुई, तब उन्हें भरोसा दिलाया गया कि दिशा की मौत एक दुर्घटना थी, लेकिन धीरे-धीरे जो तथ्य सामने आए, उन्होंने पूरी जांच पर सवाल खड़े कर दिए है।
बेटी दिशा सालियान की मौत के करीब पांच साल बाद दायर इस याचिका में सतीश ने आरोप लगाया है कि मालवणी पुलिस स्टेशन के अधिकारियों और मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर ने उन्हें गुमराह किया और दबाव डाला। सबूतों के साथ छेड़छाड़ की और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को भी बदला गया।
सतीश सालियन का आरोप है कि दिशा की मौत के बाद उनके परिवार को लगातार दबाव में रखा गया। हर वक्त उन पर नजर रखी जाती थी।
घटना की रात क्या हुआ था?
याचिका के मुताबिक, 8 जून 2020 की रात दिशा सालियन के मुंबई उपनगर के मालवणी स्थित घर में उनके कुछ करीबी दोस्तों के साथ एक पार्टी चल रही थी। लेकिन अचानक, आदित्य ठाकरे अपने बॉडीगार्ड, सूरज पांचोली और दीनो मोरिया वहां पहुंचे और माहौल पूरी तरह बदल गया। याचिका में दावा किया गया है कि दिशा का जिंदा रहना कुछ लोगों के लिए खतरा बन सकता था, इसलिए उसे हमेशा के लिए चुप करा दिया गया। याचिका में कहा गया है कि इस घटना के बाद कई बड़े नेता और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अचानक सक्रिय हो गए। आदित्य ठाकरे लगातार वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से फोन पर संपर्क में थे और उन्होंने दिशा के कुछ करीबी लोगों को भी कई बार कॉल किया। इस घटना के कुछ दिन बाद अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की भी रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई। याचिका में आरोप लगाया गया है कि दिशा की मौत के बाद आदित्य ठाकरे और रिया चक्रवर्ती के बीच 44 बार फोन पर बातचीत हुई।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गड़बड़ी के आरोप
सतीश सालियन ने याचिका में दावा किया है कि दिशा की मौत को 14वीं मंजिल से गिरकर आत्महत्या का मामला बताया गया, लेकिन उसके शरीर पर कोई ऐसी चोट के निशान नहीं थे, जो ऊंचाई से गिरने पर आमतौर पर होते हैं। इससे भी बड़ा सवाल यह उठता है कि मुंबई पुलिस ने दिशा के शव का पोस्टमॉर्टम करने में 50 घंटे की देरी की। याचिका में आरोप लगाया गया है कि गैंगरेप के सबूत मिटाने के लिए ही यह देरी की गई थी। याचिका में यह भी कहा गया है कि घटना के दिन दिशा के अपार्टमेंट और आसपास के इलाके के सीसीटीवी फुटेज गायब कर दिए गए। इसके अलावा, कई महत्वपूर्ण सबूत जैसे मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल्स को जांच का हिस्सा ही नहीं बनाया गया।
उद्धव ठाकरे की जांच की मांग
इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की भूमिका को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए गए हैं। याचिका में कहा गया है कि उन्हें घटना की सारी जानकारी थी और एक मुख्यमंत्री होने के नाते उन्हें इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने दोषियों को बचाने का काम किया। केंद्रीय एजेंसी से जांच की मांग
सतीश सालियन ने अपनी याचिका में मांग की है कि आदित्य ठाकरे, रिया चक्रवर्ती, संबंधित पुलिस अधिकारियों और डॉक्टरों से नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग और लाई-डिटेक्टर टेस्ट कराया जाए। इसके अलावा, उन्होंने अनुरोध किया है कि इस केस की जांच सीबीआई या एनआईए से अदालत की निगरानी में कराई जाए। इसके अलावा एक विशेष सरकारी वकील की नियुक्त की भी मांग दिशा सालियन के पिता ने याचिका में की है।
CBI बता चुकी है हादसा…
बता दें कि 28 वर्षीय दिशा सालियान ने 8 जून 2020 को उपनगरीय मलाड में एक ऊंची इमारत से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। इसके छह दिन बाद 34 वर्षीय राजपूत मुंबई के बांद्रा में अपने अपार्टमेंट में फंदे से लटके पाए गए थे। दिशा सालियान के पिता की याचिका पर जल्द ही बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई होने की उम्मीद है। इससे पूरे मामले में एक नया मोड़ आ सकता है। मालूम हो कि सीबीआई ने मामले की जांच के बाद दिशा सालियान की मौत को दुर्घटना बताया था। सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि दिशा हादसे के समय नशे में थीं, उनका संतुलन खोने के कारण वह बिल्डिंग से गिर गई। सीबीआई से यह भी स्पष्ट किया था कि सुशांत सिंह और दिशा सालियान की मौत का आपस में कोई संबंध नहीं है।