शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता संजय राउत और अरविंद सावंत को मुख्य प्रवक्ता बनाया गया है। जबकि अनिल परब, प्रियंका चतुर्वेदी, किशोरी पेडनेकर, सुषमा अंधारे, संजना घाडी, आनंद दुबे, जयश्री शेलके, हर्षल प्रधान को प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी गई है। इन सभी को मीडिया में पार्टी का पक्ष रखने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है।
हालांकि, इस सूची से विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे को बाहर रखा गया है। दानवे को अप्रैल 2021 से राज्य प्रवक्ता के रूप में जिम्मेदारी दी गई थी। पिछले पांच वर्षों में उन्होंने पार्टी की विचारधारा और नीतियों को प्रभावशाली ढंग से राज्य स्तर पर प्रस्तुत किया और विधान परिषद में एक मजबूत नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई। वे उद्धव ठाकरे के विश्वासपात्र सहयोगियों में गिने जाते हैं, लेकिन ताजा सूची में उनका नाम न होना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
इस बार की नियुक्तियों में एक खास बात यह भी है कि उद्धव ठाकरे ने महिलाओं को अधिक प्राथमिकता दी है। आगामी मुंबई महानगरपालिका और राज्य के अन्य स्थानीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए यह फेरबदल किया गया है।
गौरतलब हो कि बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना का विभाजन जून 2022 में हुआ था। विभाजन के बाद शिंदे के गुट को शिवसेना नाम और ‘धनुष-बाण’ चिह्न मिला, जबकि चुनाव आयोग ने ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट को शिवसेना (यूबीटी) नाम दिया और ‘मशाल’ चुनाव चिह्न आवंटित किया। तब से ही उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के बीच तीखा वाकयुद्ध जारी है।