पिछले कुछ दशकों से पब्लिक प्राॅविडेंट फंड(पीपीएफ) लोगों के लिए निवेश सबसे बेहतर साधन बना हुआ है।
•Apr 22, 2018 / 09:14 am•
Ashutosh Verma
नर्इ दिल्ली। पिछले कुछ दशकों से पब्लिक प्राॅविडेंट फंड(पीपीएफ) लोगों के लिए निवेश सबसे बेहतर साधन बना हुआ है। इसकी सबसे बड़ी वजह पीपीएफ अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज आैर टैक्स छूट है। हम आपको आज ये ही बताएंगे की आप अपना पीपीएफ खाता कैसे खोल सकते है। आैर इसके क्या नियम आैर फायदे है।
आप कभी भी पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं। हालांकि ज्वाइंट पीपीएफ अकाउंट खुलवाने का कोर्इ प्रावधान नहीं है। यदि पता चलता है कि अापने अपने नाम से दो ये उससे अधिक पीपीएफ खाते खुलवाा रखें हैं तो इस सूरत में पहले खाते को छोड़कर बाकी सभी खाते डिएक्टिवेट कर दिए जाएंगे। एेसे में आपके द्वारा उन खाताें में जमा की गर्इ रकम ही वापस मिलेगी, ब्याज के तौर पर एक भी रुपया आपको नहीं मिलेगा। हां अगर आपके नाम पर जनरल प्राॅविडेंट फंड (जीपीएफ) या एंप्लाॅर्इ प्राॅविडेंट फंड (र्इपीएफ) अकाउंट है, तो भी आप पीपीएफ खुलवा सकते हैं।
आप किसी नाबालिग बच्चे के नाम पर भी पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं। लेकिन ये अकाउंट बच्चे को ही होगा, आप सिर्फ उस बच्चे के गार्डियन ही होंगे। माता या पिता में से कोर्इ एक ही अपने बच्चे के साथ अकाउंट खुलवा सकते हैं। यदि बच्चे के माता-पिता नहीं रहते हैं तो इस हालत में उसके दादा-दादी में से कोर्इ एक उसका अकाउंट खुलवा नहीं सकते।
आप कुछ चुनें हुए पोस्ट आॅफिस या कुछ बैंको से की पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं। क्योंकि सरकार ने सिर्फ कुछ पोस्ट आॅफिस या कुछ बैंकाे को ही पीपीएफ खाते खाेलने को अधिकार दिया है। आप इन पोस्ट आॅफिस या बैंकाे के शाखाआें में जाकर अपना पीपीएफ खाता खुलवा सकते हैं। हालांकि कुछ बैंकों में आप घर बैठे ही पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं। पीपीएफ के आवेदन फॉर्म (फॉर्म- A) में नॉमिनी का कोई कॉलम नहीं होता है, इसलिए अगर आप किसी को नाॅमिनी बनाते हैं तो अकाउंट खोलते वक्त फॉर्म- E जरूर भरें।
पीपीएफ खाते की एक आैर खासियत ये भी है कि आप अपने पीपीएफ अकाउंट के एवज में लोन भी ले सकते हैं, आैर जमा रकम में से कुछ हिस्सा निकाल भी सकते हैं। अब तो मेच्योरिटी से पहले भी पीपीएफ खाता बंद करवाने की सुविधा भी दे दी गर्इ है। हालांकि अभी भी अपना खाता खुलने से कम से कम पांच वित्तीय वर्ष पूरो हो जोने के बाद ही आपको कुछ खास मामलों में, मसलन खाताधारक, उसके जीवनसाथी, बच्चे या माता-पिता की गंभीर या जानलेवा बीमारियों के इलाज आैर खाताधारक की उच्च शिक्षा आदि के लिए एेसा किय जाता है।
आपके पीपीएफ में निवेश की गर्इ रकम पर इनकम एक्ट, 1961 के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलता हैं। इसके साथ ही इस निवेश पर आपको जो बयाज मिलता है, वह भी सेक्शन 10 के तहत टैक्स छूट के दायरे में आता है।
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