एसपी नारायण टोगस ने अजमेर रेंज उप महानिरीक्षक (डीआईजी) के निर्देश पर कुचेरा थाने के हेड कांस्टेबल चंद्रगुप्त, थांवला थाने के कांस्टेबल शंकरलाल, विजयसिंह एवं हरसौर चौकी के कांस्टेबल गोविन्दसिंह को लाइन हाजिर किया है। जानकार सूत्रों के अनुसार थांवला के तत्कालीन थानाधिकारी सहित चारों पुलिसकर्मियों को 17 सीसीए के नोटिस भी दिए हैं। थानाधिकारी ने शिकायत के बावजूद अवैध बजरी खनन व परिवहन के खिलाफ कार्रवाई नहीं की बताई, जिस पर बजरी के लीजधारक ने अजमेर रेंज डीआईजी को शिकायत की, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई है।
जानिए, क्या थी शिकायत
निबोला बिस्वा निवासी बजरी लीज धारक ओमप्रकाश बिस्सू ने 11 दिसबर 2024 को अजमेर रेंज के उप महानिरीक्षक को शिकायत सौंपकर बताया कि राज्य सरकार ने अवैध खनन पर रोक लगा रखी है, इसके बावजूद नागौर जिले के आलनियावास, लूंगिया, दासावास, रोहिसा, रोहिसी व बडायली आदि क्षेत्रों में रोजाना अवैध रूप से बजरी का खनन हो रहा है, जबकि सरकार ने यहां बजरी खनन के लिए लीज दे दे रखी है, जिसके बदले सरकार ने करोडों रुपए भी लिए हैं। बिस्सू ने बताया कि रात्रि के समय धडल्ले से डपर, ट्रैक्टरों एवं ट्रकों में अवैध खनन की बजरी भरकर सीकर, कुचामन, डीडवाना, नागौर, अजमेर व किशनगढ जाती है तथा रोजाना रात्रि के समय 500 से अधिक वाहन इन मार्गों से खुलेआम निकल रहे हैं।
लीजधारक ने बताया कि पुलिस थाना थांवला की मिलीभगत एवं साठगांठ से यह अवैध कार्य हो रहा है। लीजधारकों ने कई बार पुलिस थाना थांवला एवं नागौर पुलिस अधीक्षक को भी शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। शिकायत मिलने के बाद डीआईजी ने अपने स्तर पर इसकी जांच करवाई तथा उसके बाद एसपी को कार्रवाई के निर्देश दिए।