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नागौर

‘कायाकल्प’ की जगह किया ‘कबाड़ा’, रेलवे के अधिकारी बने मूकदर्शक

नागौरFeb 18, 2025 / 06:06 pm

चंद्रशेखर वर्मा

'Kabada' instead of 'Kayakalp', railway officials became mute spectators
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अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत नागौर रेलवे स्टेशन का होना है ‘कायाकल्प’, रेलवे के अधिकारी बने मूकदर्शक
डबल इंजन की सरकार पर लगा प्रश्न चिह्न : पहले ‘कायाकल्प’ की जगह किया ‘कबाड़ा’, अब काम बंद
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नागौर स्टेशन पर ये होने हैं कार्यक्या कहते हैं शहरवासी





स्टेशन की ओर आने वाले मार्ग में प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग प्रावधान तथा सर्कुलेटिंग एरिया के सौंदर्यीकरण से संबंधित कार्य।
दो पहिया व चौपहिया के वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग सुविधा।
यात्रियों को उतारने और चढ़ाने के लिए बरामदे पोर्च का निर्माण।
नए अतिथि कक्ष, वीआईपी रूम का निर्माण।
स्टेशन पर महिलाओं और पुरूषों के लिए अलग शौचालयों के साथ बेहतर सुविधाएं तथा सर्कुलेटिंग एरिया में पे एण्ड यूज शौचालय बनाए जाएंगे।
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स्टेशन के निर्माण कार्य में भारी अनियमितता, जिम्मेदारों ने मूंदी आंखें
नागौर. रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी व उदासीन रवैये के कारण नागौर के लोग पिछले डेढ़ साल से परेशान हैं। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत जिला मुख्यालय के रेलवे स्टेशन का ‘कायाकल्प’ करने की बजाए कबाड़ा करने वाले ठेकेदारों ने अब काम ही बंद कर दिया है। इसका खमियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ा रहा है। रेलवे स्टेशन पर बिखरी निर्माण सामग्री व कबाड़ डबल इंजन की सरकार पर प्रश्न चिह्न लगा रही है। चिंता की बात यह है कि जिले के जनप्रतिनिधियों ने भी मौन साध लिया है। रेलवे के अधिकारी भी दबी जुबान रेलवे स्टेशन पर हुए ‘कबाड़े’ को स्वीकार कर रहे हैं, लेकिन अधिकारिक रूप से बयान देने से बचते हैं।
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 नागौर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्य का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 6 अगस्त 2023 को देश के अन्य 508 स्टेशनों के साथ किया था। रेलवे अधिकारियों के अनुसार पुनर्विकास का काम पूरा होने के बाद नागौर स्टेशन पर यात्रियों को बेहतर और उत्कृष्ट सुविधाएं मिल पाएंगी। इस कार्य में सिग्नल, टेलीकॉम एवं इलेक्ट्रिक केबल प्रणाली को सुव्यवस्थित करने के साथ नई बिल्डिंग में विशिष्ट अतिथि कक्ष, स्टेशन अधीक्षक, शौचालय व रिटायरिंग रूम बनाए जाने हैं। साथ ही रेलवे सुरक्षा बल कार्यालय के साथ अन्य कार्य भी होने हैं। इस निर्माण कार्य के तहत विशिष्ट अथिति कक्ष, यात्रियों के वाहनों के लिए पार्किंग सुविधा, मुख्य द्वार, सर्कुलेटिंग एरिया आदि का निर्माण कार्य किया जाना है, लेकिन रेलवे स्टेशन के ‘कायाकल्प’ का काम भी शहर के आरओबी की तरह ‘लम्बा’ होता नजर आ रहा है।
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गौरतलब है कि रेलवे ने नागौर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास कार्य करने के लिए 17.11 करोड़ का बजट स्वीकृत किया था।
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रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के निर्माण कार्य में ठेकेदारों की ओर से बरती गई अनियमितता को लेकर राजस्थान पत्रिका ने 27 नवम्बर 2024 को ‘रेलवे स्टेशन के कायाकल्प की मंथर गति ने सुविधा कम, लोगों की परेशानी ज्यादा बढ़ाई’ शीर्षक से तथा 29 नवम्बर को ‘नागौर रेलवे स्टेशन का कायाकल्प करने की जगह कर दिया कबाड़ा’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया था। इसके बाद रेलवे के जोधपुर डीआरएम ने नागौर का दौरा तो किया, लेकिन उसका असका असर नजर नहीं आया। गौरतलब है कि पत्रिका ने इस दौरान स्टेशन के माल गोदाम की पट्टियों की छत हटाए बिना उसके ऊपर आरसीसी की छत बनाने से खराब हुई पट्टियों की छत व दीवार के साथ रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार के आगे बन रहे पोर्च में में बरती अनियमितता को उजागर किया था।

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