‘पेड़ सुरक्षा कानून बनाओ’ के नारों से गूंज उठा नागौर शहर
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नागौर. शरह में निकाली गई पर्यावरण रैली में शामिल लोग नारेबाजी करते हुए।
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नागौर. पर्यावरण रैली निकलने के दौरान किले की ढाल पर बंद रखी दुकानें।
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नागौर. पर्यावरण रैली निकलने के दौरान बंद रखी दुकानें।
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पर्यावरण संरक्षण के लिए सड़कों पर उतरे पर्यावरण प्रेमी
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रैली में संतों के साथ बच्चे, महिलाएं और बुजुर्गों ने लिया भाग
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नागौर. प्रकृति बचाओ आंदोलन के तहत पेड़ कटाई पर प्रतिबंध लगाने और पेड़ सुरक्षा कानून बनाने की मांग को लेकर शुक्रवार को सैकड़ों पर्यावरण प्रेमी सड़कों पर उतरे। इस दौरान नागौर बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला। पर्यावरण प्रेमियों ने रैली निकाली तो व्यापारियों ने दुकानें बंद कर उनको समर्थन दिया। रैली में मुकाम पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी रामानंद, पीपासमीर के महंत भक्ति स्वरूप आदि ने रैली में भाग लिया। स्वामी रामानन्द ने कहा कि सरकार को कठोर कानून बनाकर राज्य वृक्ष खेजड़ी की सुरक्षा करनी होगी। पद्मश्री हिम्मताराम भांभू ने धरने का समर्थन किया। जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था के अध्यक्ष रामरतन बिश्नोई ने कहा कि राजस्थान में ट्री प्रोटेक्शन एक्ट नहीं बना है। इसकी मांग को लेकर खेजड़ला की रोही में धरना चल रहा है। कानून बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है, इसलिए आंदोलन जारी रखना पड़ रहा है।
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नागौर. कलक्ट्रेट में ज्ञापन देने पहुंचे पर्यावरण प्रेमी।
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‘ट्री प्रोटेक्शन एक्ट राजस्थान’ के नाम से कानून बनाकर खेजड़ी की कटाई पर प्रतिबंध लगे। सोलर प्लांट के नाम पर प्रकृति को नुकसान नहीं हो। खेजड़ी को बिना काटे सोलर प्लांट लगाए जाएं। सौर ऊर्जा की कंपनियां प्लेटें लगाते समय वहां की भूमि को रेगिस्तान बना रही हैं। समस्त वनस्पति को नष्ट करके हजारों बीघा भूमि को वनस्पति विहीन बनाया जा रहा है, ऐसा करने से उस क्षेत्र के समस्त वन्यजीव, पशु पक्षी, रेंगने वाले असंख्य जीव, कीड़े-मकोड़े चीड़ी-कमेड़ी सब के आशियाने नष्ट कर रहे हैं। इसको रोका जाए। नोखा दैया में चल रहे धरने को 268 दिन हो गए हैं। धरनार्थियों से सरकार वार्ता करें।
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खेजड़ी काटने के बदले न्यूनतम जुर्माना 2 लाख प्रति खेजड़ी किया जाए। राज्य वृक्ष काटने वाले को 3 साल थी सजा का प्रावधान किया जाए।