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नागौर

‘पंच परिवर्तन’ से समाज में आएगा बड़ा परिवर्तन

नागौर में आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत का तीसरा दिन, आज होंगे रवाना

नागौरMay 28, 2025 / 11:35 am

shyam choudhary

RSS chief Mohan Bhagwat

राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख मोहन भागवत। फोटो- पत्रिका।

नागौर. नागौर में चल रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के (आरएसएस) के 20 दिवसीय कार्यकर्ता विकास वर्ग प्रथम में स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन करने आए सरसंघचालक मोहन भागवत ‘पंच परिवर्तन’ पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पंच परिवर्तन कार्यक्रम को सुचारू रूप से लागू कर समाज में बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है। गौरतलब है कि पंच परिवर्तन में पांच आयाम शामिल किए गए हैं, जिनमें नागरिक कर्तव्य, पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन, सामाजिक समरसता, स्व का बोध अर्थात स्वदेशी एवं कुटुम्ब प्रबोधन है।

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कार्यकर्ताओं के वर्ग शिविर में बौद्धिक देते हुए सरसंघचालक भागवत ने कहा कि ‘नागरिक कर्तव्य बोध’ अर्थात कानून की पालना से राष्ट्र समृद्ध व उन्नत होगा। यह प्रत्येक व्यक्ति कि जिम्मेदारी भी है। इसी प्रकार ‘स्व के बोध’ यानी स्वदेसी से तात्पर्य अपने घर के अंदर भाषा, भूषा, भोजन, भजन, भ्रमण यह अपना होना चाहिए। इससे अपनी भाषा, खान-पान, पहनावा, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और खुद पर गर्व की अनुभूति होगी। इसी में वोकल फॉर लोकल का नारा भी छिपा हुआ है। ‘सामाजिक समरसता व सद्भाव’ से समाज में ऊंच-नीच जाति भेद समाप्त होंगे। इसके माध्यम से समाज में यह संदेश देना कि हम सब भारत मां की संतान हैं। उन्होंने कहा कि जहां अपना प्रभाव है, वहां मंदिर, पानी, श्मशान एक हों, यह प्रारंभ है, इसको बढ़ाते जाना है। ‘पर्यावरण संरक्षण’ से सृष्टि का संरक्षण होगा। पेड़ लगाओ, प्लास्टिक हटाओ, पानी बचाओ, यह करने से समझ विकसित होती है, वह इस बारे में सोचने लगता है। इसी प्रकार ‘कुटुम्ब प्रबोधन’ से टूटते परिवारों का बचाना व संयुक्त परिवार पर जोर देना हैं। इससे परिवार बचेंगे और बच्चों में संस्कार बढ़ेंगे। समाज में बढ़ते एकल परिवार के चलन को रोक कर भारत की प्राचीन परिवार परंपरा को बढ़ावा देने की आज महती आवश्यकता है।
इन पांच बातों को लेकर स्वयंसेवकों से आगे बढऩे का आह्वान किया गया है। इस बार शताब्दी वर्ष संघ कोई बड़ा कार्यक्रम न करके गांव-ढाणियों में शाखाओं के माध्यम से इनको समाज में ले जाएगा। संघ का मानना है कि यह आचरण बनेगा तो वातावरण बनेगा और वातावरण बनने से समाज में परिवर्तन आएगा। गौरतलब है कि शहर के शारदा बाल निकेतन में चल रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जोधपुर, जयपुर व चित्तौडगढ़़ तीनों प्रांत के 40 वर्ष तक की आयु के 284 स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं।
हिन्दू समाज को सशक्त बनाना होगा

बांग्लादेश सहित अन्य स्थानों पर हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार व हमलों को लेकर भी शिविर में चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज को सशक्त बनाना होगा। हिन्दू का बहुत अच्छा स्वरूप भारत को भी बहुत अच्छा देश बनाएगा। जो अपने आप को भारत में हिन्दू नहीं कहते उनको भी साथ लेकर चल सकेगा। भारत का हिन्दू समाज सामथ्र्यवान होगा तो विश्व भर के हिन्दुओं को अपने आप सामथ्र्य लाभ होगा।
बड़ा सवाल : क्या इस बार भी नागौर से होगी कोई बड़ी शुरुआत

गौरतलब है कि मार्च 2016 में आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक नागौर में आयोजित हुई थी। उस समय संघ प्रमुख भागवत पांच दिन नागौर में रुके थे और उसी समय स्वयंसेवकों के गणवेश में शामिल खाकी निकर की जगह पेंट को शामिल करने का निर्णय लिया गया था। इसी प्रकार पर्यावरण संरक्षण अभियान के तहत ‘अपना संस्थान’ की शुरुआत करते हुए पौधरोपण भी किया गया था। क्या इस बार भी नागौर की धरती से संघ कोई बड़ा निर्णय लेगा, इसको लेकर समाज में चर्चा है।

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