रिटायर फौजी का भावुक सुसाइड नोट
BSF की 174 बटालियन से रिटायर्ड फौजी मनरूप ने सुसाइड और साले पप्पूराम की हत्या से पहले सोशल मीडिया पर लंबी पोस्ट लिखी। सुसाइड नोट में लिखे एक-एक शब्द भावुक करने वाले हैं। मनरूप ने लिखा कि एक फौजी के आखिरी शब्द है… सज्जनों, अखबार की तरह नहीं बल्कि संवेदना से ठीक से पढ़ना और शेयर कर देना। शायद किसी की जिदंगी में मेरे दो शब्द काम आ जाए। 20 साल मैंने बीएसएफ में बॉर्डर पर सेवाएं दी।रिटायरमेंट के बाद ही रंग दिखाने लगी घरवाली
रिटायरमेंट के 20-25 दिन बाद ही घरवाली ने अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया। बात बात पर बेवजह लड़ना—झगडना शुरू कर दिया। पहले भी झगड़े होते थे, लेकिन इस बार उसका अंदाज अलग था। मैं यह देखकर बहुत हैरान था। जब कारण पता लगाया तो और भी ज्यादा हैरान हो गया।पत्नी की नारजगी के तीन बड़े कारण
पहला कारण: जब मैं नौकरी करता था, तब पिछले 6-7 साल से हर महीने घर खर्च के लिए 10-15 हजार रुपए भेजता थाा। लेकिन, रिटायरमेंट के बाद यह सब बंद हो गया और मनमर्जी के खर्चे भी बंद हो गए तो घरवाली छटपटाने लगी।दूसरा कारण: रोज पत्नी अपने घरवालों और बहन-बहनोईयो से 2-3 घंटा फोन पर बातें करती थी। लेकिन, मेरे आने के बाद यह सब बंद हो गया तो यह छटपटाने लगी।
तीसरा कारण: पत्नी का मनमर्जी मायके आना जाना बंद हो गया तो वह छटपटाने लगी।
दो बहन-बहनोई भड़काते थे
सुसाइड नोट में लिखा कि पत्नी को उसकी दो बहन-बहनोई भड़काते थे। मैं खुद उनकी रिकॉर्डिंग सुनकर हैरान हो गया। उसके बहन-बहनोई ही रोज झगड़ा करने के लिए कहते थे। इनकी करतूत का मुझे पता चल चुका था। इन्होंने मेरे घर को तोड़ने की साजिश रची। मैंने कई बार पत्नी को समझाया। नहीं मानी तो उससे मोबाइल ले लिया। लेकिन, इन्होंने मायके बुलाकर नया फोन दिला दिया। एक दिन पत्नी किसी और से बात करते हुए पकड़ी गई तो इस बारे में पता चला और फिर झगड़ा भी हुआ।झगड़े के बाद मायके चली गई
झगड़े के बाद पत्नी मायके चली गई और उसने मुझ पर कई गंभीर आरोप लगा दिए। इससे मैं पूरी तरह टूट गया और रिश्ते नातों से मोहभंग हो गया। इसके बाद घर छोड़ दिया और डेढ़ साल तक जयपुर व जोधपुर में रहा। लेकिन, जब बच्चों का ख्याल आया तो वापस घर आ गया। पत्नी को खूब समझाया। लेकिन, वह समझने वाली नहीं थी। वो मेरी कमाई पर हक जताने लगी। उसने मुझसे यह तक कह दिया कि मुझे तेरी जरूरत नही हैं, तू अभी मर जा। इस पर मैंने इसको बर्बाद करने की ठान ली।मेरे सब्र का बांध टूट गया
सुसाइड नोट में आगे लिखा कि 15 अप्रेल को शाम चार बजे वह मायके के लिए निकली। लेकिन, 18 अप्रेल को अपने घर पहुंची। इस दौरान वह कहां रही, इसका भी जवाब तक नहीं दिया। ऐसे में मेरे सब्र का बांध भी टूट गया। सज्जनों, जहां पहले से चोट लगी हो वहां फिर से चोट लग जाए तो दर्द बहुत होता है। दो महीने में 7 किलो वजन कम हो गया। फिर भी किसी से अपना दर्द साझा नहीं किया।आखिर कब तक दिखावा करता?
आखिर मैं कब तक दिखावा करता। मैंने सोच लिया कि मेरे घर को बर्बाद करने वालों को भी मैं बर्बाद कर दूंगा। यह सोचकर आज ठोक दिया इसके भाई को। यह घर का मुखिया था। लेकिन, इसके कभी भी अपना किरदार ठीक से नहीं निभाया। इसकी कई बार मदद की। फिर भी इसने औकात दिखा दी। मैं मारना तो पत्नी की 2 बहन के पतियों को चाहता था, पर टारगेट दूर थे और मैं जिंदा पकङा नहीं जाना चाहता था।पत्नी को इसलिए नहीं मारा
आगे लिखा कि मैं 10 राउंड लेकर गया था। पत्नी को भी आसानी से मार सकता था। पर इसकों कर्मो की सजा का अहसास कराना जरूरी था। इसको शर्म होगी तो वैसे ही एक दिन सुसाइड करने मर जाएगी। मेरे घर को बर्बाद करने वाली इसकी बहनों को भी मरना पड़ेगा। बहनों की वजह से इनका भाई और मुझे मरना पड़ा। सज्जनों, औरत को अगर किसी और से लगाव हो जाएं, तब वो अपना सबसे बङा दुश्मन अपने पति को समझने लग जाती है। अगर मैं इसके भाई को ठोककर इसका घर बर्बाद नहीं करता तो इनके काले कारनामे उजागर नहीं होते। मैं इज्जत वाला बंदा था, अपराध करना ही पड़ गया तो फिर क्या मुंह दिखाना इसलिए अपने आप को भी ठोंक लिया।समय रहते संभल जाने की अपील
आगे लिखा कि मैं उन सब बहन बेटियों से कहना चाहता हूं कि समय रहते संभल जाइए। एक मर्द अगर मरने-मारने की सोच रहा है ना तो उससे पहले वो हजारों बार चीजें ठीक करने की, रिश्ते ठीक करने की कोशिश कर चुका होता है। पर आप उसकी लाख कोशिशों के बाद भी नहीं बदलते तो फिर वो ठान लेता है सबक सिखाने की। इसलिए मर्द को एक हद तक ही आजमाना चाहिए। मत मारिए इस तरह अपने घर के ‘शेर’ को वर्ना बाहर के भेड़िए आपको नोचकर खा जाएंगे। जिस इंसान ने आपको फर्श से अर्श तक पहुंचाया है, वो इंसान आपको वापस अर्श से फर्श पर लाकर पटकना भी जानता है। इसलिए किसी फितूर में मत रहना। किसी की मजबूरी का इतना भी फायदा मत उठाइए कि उसके सब्र का बांध टूट जाने पर कयामत आ जाए।साले को मारने के बाद रिटायर्ड फौजी ने खुद को गोली मारी
पत्नी के लिए ये सवाल छोड़ गया
1. तू इतने सालों में क्यों नहीं सुधरी, तुमने पति के साथ क्यों गद्दारी की?2. तुमने क्यों पति को मरवाने के लिए घरवालों को लाठियां लेकर बुलाया?
3. तुझे पता था मैं इज्जत वाला बंदा हूं। फिर भी तुमने दूसरों के कहने पर पति को बदनाम क्यों किया?
4. तू मासूम बच्चों को छोड़कर क्यों घर से निकल गई?
5. ससुराल से निकलने के बाद तू तीन दिन तक कहां थी? इसका जवाब तुमने मुझे तीन महीने में भी क्यों नहीं दिया?
6. यहां से जाने के बाद तू मेरी मर्जी के बिना 15 दिन खजवाना में क्यों रही?
7. तेरे बच्चे और पति तो घर बैठे और तू अकेली शादी में क्यों गई?
8. तू वापस घर आने की बजाय तीन महीने से हर दूसरे दिन खजवाना और डांगावास (नागौर) क्यूं जाती रही?
9. तुमने क्यों अपने दोनों बहन-बहनोइयों के साथ मिलकर पति को बदनाम करने की साजिश रची?
10. तुमने दो घर बर्बाद किए, तुमने क्यों मेरे मासूम बच्चों की जिंदगी बर्बाद की?
11. तुमने क्यों एक अच्छे-खासे इंसान को अपराध करने के लिए मजबूर किया?
12. मेरे इतने मैसेज करके आगाह करने के बाद भी तू और तेरा घटिया परिवार इस बार क्यों नहीं समझ पाया मेरा मूड?
13. तू क्यों हर बार अपने पति को झुकाने की जिद करके अड़ जाती?