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2025 ट्रेंड्स टू वॉच: डिश टीवी को पछाड़ कर आगे निकल सकता है OTT

2025 Trends to Watch: रिपोर्ट में अनुमान जताया गया कि इस साल पहली बार वैश्विक स्तर पर स्ट्रीमिंग वीडियो वाली कंपनियों की कमाई ($213 अरब डॉलर) पे-टीवी की कमाई ($188 अरब डॉलर) से ज्यादा हो सकती है।

नई दिल्लीJan 08, 2025 / 09:14 am

Shaitan Prajapat

2025 Trends to Watch: वीडियो स्ट्रीमिंग का कारोबार दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहा है। लंदन की ग्लोबल एनालिस्ट फर्म ओमडिया की रिपोर्ट में अनुमान जताया गया कि इस साल पहली बार वैश्विक स्तर पर स्ट्रीमिंग वीडियो वाली कंपनियों की कमाई ($213 अरब डॉलर) पे-टीवी की कमाई ($188 अरब डॉलर) से ज्यादा हो सकती है। ओमडिया की ‘2025 ट्रेंड्स टू वॉच’ नाम की रिपोर्ट के मुताबिक अमरीका के पांच बड़े स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स, डिज्नी, पैरामाउंट, अमेजन प्राइम वीडियो और मैक्स विज्ञापन, खेलों की बड़ी रेंज और बंडल्ड डिस्ट्रीब्यूशन की वजह से ‘पे-टीवी 2.0’ की तरह दिखने लगे हैं। हर बड़े सब्सक्रिप्शन वाले स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ने विज्ञापन वाले प्लान शुरू कर दिए हैं। ओमडिया के सीनियर एनालिस्ट टोनी गुन्नारसन का कहना है कि स्ट्रीमिंग वॉर खत्म हो चुका है। अब विज्ञापन-आधारित मॉडल का दौर है। सब्सक्रिप्शन वीडियो ऑन डिमांड (एसवीओडी) बंडल्स नई हकीकत बन जाएंगे।

भारत में कायम रहेगा पे-टीवी का दबदबा

टोनी गुन्नारसन का कहना है कि वीडियो स्ट्रीमिंग के बड़े बदलाव भारत में सीधे लागू नहीं होंगे। भारत में पे-टीवी का दबदबा लंबे समय तक बरकरार रहेगा। उनके मुताबिक भारत में आने वाले समय में पे-टीवी न सिर्फ राजस्व में आगे रहेगा, बल्कि इसमें वृद्धि भी देखने को मिलेगी। एचबीओ का मैक्स फिलहाल भारत में लॉन्च नहीं हुआ है। इसके लिए यहां जल्द रास्ता खुलने के आसार हैं।
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लोकल सेवाओं के साथ पार्टनरशिप

रिपोर्ट में कहा गया कि ओटीटी प्लेटफॉम्र्स की पेड ऑफरिंग का दायरा बढऩे से बाजार में बड़ी ग्लोबल सर्विसेज सीधे उपभोक्ताओं को टारगेट नहीं करेंगी। इसके बजाय वे पे-टीवी या लोकल स्ट्रीमिंग सेवाओं के साथ पार्टनरशिप करेंगी। भारत में विज्ञापन-आधारित बाजार को देखते हुए यह ट्रेंड यहां भी देखने को मिल सकता है। उपभोक्ताओं की विज्ञापन स्वीकार्यता आने वाले समय में बढऩे के आसार है।

जानिए पे-टीवी का मतलब

पे-टीवी (Pay-TV) का मतलब एक ऐसी टेलीविज़न सेवा है, जिसके लिए उपयोगकर्ताओं को सब्सक्रिप्शन शुल्क देना होता है। यह सेवा मुफ्त में उपलब्ध फ्री-टू-एयर (FTA) चैनलों से अलग होती है। पे-टीवी के जरिए उपयोगकर्ताओं को प्रीमियम सामग्री, विशेष चैनल, लाइव स्पोर्ट्स, मूवीज़, एंटरटेनमेंट शो, और अन्य विशिष्ट सेवाएं प्रदान की जाती हैं।

पे-टीवी की मुख्य विशेषताएं

सदस्यता आधारित मॉडल: पे-टीवी देखने के लिए ग्राहकों को मासिक, त्रैमासिक, या वार्षिक शुल्क देना पड़ता है।
प्रीमियम कंटेंट: इसमें विशेष रूप से उपलब्ध सामग्री शामिल होती है, जैसे: लाइव स्पोर्ट्स (IPL, FIFA आदि) नई रिलीज़ मूवीज़, ओरिजिनल सीरीज़।

कैबिल या सेटेलाइट आधारित:

डिश टीवी, टाटा स्काई, एयरटेल डीटीएच जैसे प्लेटफॉर्म पे-टीवी सेवाएं प्रदान करते हैं।
ऑन-डिमांड सेवा:— कई पे-टीवी प्रदाता ग्राहकों को उनकी पसंद की सामग्री को चुनने और देखने का विकल्प देते हैं (जैसे Video-on-Demand)।
एनक्रिप्टेड सिग्नल:— पे-टीवी चैनल्स के सिग्नल को एनक्रिप्ट किया जाता है और इन्हें डिक्रिप्ट करने के लिए एक सेट-टॉप बॉक्स और सब्सक्रिप्शन की आवश्यकता होती है।
भारत में:— टाटा स्काई, एयरटेल डिजिटल टीवी, डिश टीवी
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर:— नेटफ्लिक्स, हुलु, अमेज़न प्राइम वीडियो (हालांकि ये स्ट्रीमिंग सेवाएं हैं, इन्हें पे-टीवी की श्रेणी में भी रखा जा सकता है)।

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