इस मामले में चंडीगढ़ की अदालत में अब भी सुनवाई चल रही है। विकास फिलहाल जमानत पर बाहर चल रहे हैं। बता दें कि 5 अगस्त, 2017 को विकास और उसके दोस्त आशीष कुमार पर आईपीसी की धारा 354डी (पीछा करना), 341 (गलत तरीके से रोकना), 365 (अपहरण का प्रयास) और 511 के अलावा नशे में गाड़ी चलाने का आरोप लगा था।
आईएएस अफसर की बेटी की गाड़ी का किया था पीछा
आईएएस अफसर की बेटी का आरोप था कि दोनों ने चंडीगढ़ में देर रात उनकी गाड़ी का पीछा किया। इसके साथ, जबरन उनकी गाड़ी में घुसने की कोशिश की। बता दें कि विकास बराला भाजपा के राज्यसभा सांसद सुभास बराला के बेटे हैं। जब विकास पर गंभीर आरोप लगे थे, तब सुभाष बराला हरियाणा भाजपा अध्यक्ष थे। उस समय हरियाणा में बीजेपी की सरकार थी। पीड़िता की शिकायत के बाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की। इसके बाद, विकास और उसके दोस्त आशीष को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले को लेकर उस वक्त काफी हंगामा हुआ था।
2018 में मिल गई थी जमानत
जनवरी 2018 में विकास को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस मामले में जमानत दे दी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले की सुनवाई 2 अगस्त, 2025 को निर्धारित है। इस बीच, विपक्ष अब विकास की नियुक्ति को लेकर सवाल खड़े कर रहा है। गौरतलब है कि सुभाष बराला दिसंबर 2014 से जुलाई 2020 तक हरियाणा में भाजपा अध्यक्ष रहे। अक्टूबर 2019 में उन्होंने फतेहाबाद जिले के टोहाना से विधानसभा चुनाव भी लड़ा था, लेकिन हार गए। इसके बाद उन्हें हरियाणा लोक उद्यम ब्यूरो का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। फरवरी 2024 में सुभास राज्यसभा सांसद बने थे।