script10 साल 4 महीने 10 दिन बाद आखिर विपक्ष को मिल ही गया अपना ‘मसीहा’ | After 10 years, 4 months and 10 days, the opposition finally found its 'Messiah' | Patrika News
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10 साल 4 महीने 10 दिन बाद आखिर विपक्ष को मिल ही गया अपना ‘मसीहा’

21 फरवरी 2014 को विपक्ष की नेता के तौर भाजपा की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज ने विपक्ष के नेता के रूप में अपना भाषण दिया था।

नई दिल्लीJul 02, 2024 / 06:16 am

Anand Mani Tripathi

1 जुलाई 2024…प्रतिपक्ष को नेता मिलने के लिए 10 साल 4 माह 10 दिन का इंतजार करना पड़ा। इतने सालों में सिर्फ प्रतिपक्ष ही नहीं बदला बल्कि प्रतिपक्ष की पूरी तस्वीर भी बदल गई। सत्ता पर राज करने वाले नेता विपक्ष में बैठे दिखाई दिए और विपक्ष के नेता सत्तासीन। राष्ट्रपति अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर राहुल गांधी ने नेता प्रतिपक्ष के तौर पर करीब पौने दो घंटे तक अपनी बात रखी।
इससे पहले 21 फरवरी 2014 को विपक्ष की नेता के तौर भाजपा की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज ने 21 फरवरी 2014 विपक्ष के नेता के रूप में अपना भाषण दिया था। इसके बाद बनी दो बार भाजपा सरकार इतनी बहुमत से बनी कि प्रतिपक्ष के पास नेता प्रतिपक्ष बनने तक के लिए मूलभूत नंबर तक हासिल न कर पाई। राहुल गांधी आज लोकसभा में कई मामलों को लेकर हमलावर रहे।

NEET परीक्षा को बना दिया कमर्शियल

राहुल गांधी ने नीट पेपर लीक लेकर कहा कि नीट को कारोबारी परीक्षा बना दी गई है। सरकार पेपर लीक नहीं रोक पा रही है। पिछले सात सालों में 70 बार पेपर लीक हुए हैं। हर व्यक्ति के लिए डर का पैकेज दे दिया गया है। रोजगार तो आपने खत्म करते हुए आपने नीट जैसी प्रोफेशनल स्कीम को आपने कमर्शियल स्कीम में बदल दिया है। ये अब अमीर बच्चों की परीक्षा रह गई है। नीट के छात्रों को अब परीक्षा पर कोई भरोसा नहीं रह गया है।

​Agniveer योजना ने युवाओं के साथ किया खिलवाड़

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सोमवार को जबरदस्त रूप से पीएम मोदी सरकार पर हमलावर रहे। सदन में सोमवार को कहा कि सत्ता पक्ष ने अग्निवीर योजना लाकर देश की सीमाओं को खतरे में डाल दिया है। इसके साथ ही देश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके आरोपों को गलत बताया।

किसानों को नहीं मिल रही MSP

कृषि नीति को लेकर राहुल गांधी ने सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि किसानों को सड़कों पर लाने का काम भाजपा सरकार ने किया है। इस सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों को नहीं दिया जिसके कारण किसानों को आंदोलन करना पड़ा। किसानों के लिए काले कानून बनाए जिसका जबरदस्त विरोध हुआ तो दबाव में यह कानून वापस लेना पड़ा। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान एमएसपी को लेकर गांधी के आरोपों को खारिज किया।

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