सियांग जिले के पासिघाट नगर में दोनों जनजातियों के शीर्ष निकायों ने घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। इसमें 13 प्रस्ताव अपनाए गए हैं। एक जनजाति के रीति-रिवाजों को दूसरी जनजाति पर नहीं थोपा जाएगा। इसके अलावा वाहन दुर्घटना, विवाह, चोरी, संपत्ति और भूमि विवाद से संबंधित कोई भी विवाद सांप्रदायिक मुद्दा नहीं बनेगा।
एक-दूसरे की संस्कृति सीखेगी युवा पीढ़ी
घोषणा पत्र में कहा गया कि दोनों समुदाय एक-दूसरे के पारंपरिक त्योहारों में भाग लेंगे, ताकि युवा पीढ़ी एक-दूसरे की संस्कृति सीखे और मिल-जुलकर रहे। सभी तरह के व्यक्तिगत या सांप्रदायिक मुद्दों का समाधान बातचीत से किया जाएगा। मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा, घोषणा पत्र अन्य जनजातियों के लिए भी मिसाल बनेगा। यह कागज का टुकड़ा नहीं है, प्यार, सम्मान और आपसी विश्वास का जीवंत साक्ष्य है। जमीनी स्तर पर मिलेगा ठोस लाभ
पासीघाट के गिडी नॉटको में आदि-अपतानी शिखर सम्मेलन में संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर के दौरान मुख्यमंत्री पेमा खांडू, गृह मंत्री मामा नटुंग, लोकसभा सांसद तापिर गाओ के साथ अन्य गणमान्य मौजूद थे। तापिर गाओ ने पहल की प्रशंसा की और विश्वास जताया कि शिखर सम्मेलन के संकल्पों से जमीनी स्तर पर ठोस लाभ मिलेगा।