क्या है ब्लैक बॉक्स और क्यों है जरुरी?
ब्लैक बॉक्स में दो मुख्य हिस्से होते हैं कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR)। CVR पायलटों की बातचीत और कॉकपिट के अन्य ऑडियो को रिकॉर्ड करता है, जबकि FDR उड़ान के तकनीकी विवरण जैसे ऊंचाई, गति, इंजन की स्थिति और नियंत्रण सेटिंग्स को दर्ज करता है। ये डेटा दुर्घटना के कारणों को समझने में महत्वपूर्ण हैं, विशेष रूप से इस मामले में, जहां विमान टेकऑफ के 36 सेकंड बाद ही मेडिकल हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 241 यात्री और 34 लोग जमीन पर मारे गए थे।
जांच में जुटी टीम
AAIB ने भारतीय और अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) के विशेषज्ञों की मौजूदगी में डेटा निकालने की प्रक्रिया शुरू की। मंत्रालय ने बताया कि जांच समयबद्ध तरीके से और अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार की जा रही है। इससे पहले, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि ब्लैक बॉक्स को विश्लेषण के लिए अमेरिका भेजा जाएगा, लेकिन नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने स्पष्ट किया कि ब्लैक बॉक्स भारत में ही है और AAIB इसे जांच रहा है।
क्या था हादसा?
लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने वाला यह विमान अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से दोपहर 1:39 बजे उड़ा था। टेकऑफ के बाद तुरंत ही पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल ने ‘मेडे’ कॉल किया, जिसमें कोई थ्रस्ट नहीं’ जैसी बातें कही गईं। इसके 36 सेकंड बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। केवल एक यात्री ही इस हादसे में जीवित बचा।
डाउनलोड हुए डेटा का विश्लेषण
AAIB अब डाउनलोड किए गए डेटा का विश्लेषण कर रहा है, जिसमें कॉकपिट की बातचीत और उड़ान के तकनीकी मापदंड शामिल हैं। यह डेटा दुर्घटना के सटीक कारणों, जैसे इंजन की विफलता, फ्लैप्स या लैंडिंग गियर की समस्याओं को समझने में मदद करेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि डेटा विश्लेषण में कुछ दिन से लेकर कई महीनों तक का समय लग सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि ब्लैक बॉक्स कितना क्षतिग्रस्त था।