हादसे का विवरण
यह हादसा 12 जून 2025 को दोपहर 1:39 बजे (IST) फ्लाइट AI171 ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (SVPIA) के रनवे 23 से टेकऑफ किया। टेकऑफ के लगभग 5 मिनट बाद, विमान मेघानीनगर के रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (रजिस्ट्रेशन VT-ANB) था, जिसमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई यात्री सवार थे। इनके अलावा, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी यात्री नंबर 12 के रूप में विमान में मौजूद थे। विमान को कैप्टन सुमीत सभरवाल (8,200 घंटे का उड़ान अनुभव) और को-पायलट क्लाइव कुंदर (1,100 घंटे का उड़ान अनुभव) उड़ा रहे थे। क्रैश के बाद मेघानीनगर इलाके में भारी काला धुआं और धूल का गुबार उठा। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो और तस्वीरों में घटनास्थल पर भयावह दृश्य दिखाई दिए। हादसे के कारण अहमदाबाद हवाई अड्डे पर उड़ान संचालन अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया।
मेडे (Mayday) कॉल क्या होता है?
> “मेडे” (Mayday) एक अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन संकट संदेश है, जिसका उपयोग विमानन और समुद्री क्षेत्र में तब किया जाता है जब कोई विमान या जहाज गंभीर खतरे में होता है और उसे तत्काल सहायता की आवश्यकता होती है। > “मेडे” शब्द फ्रांसीसी शब्द “m’aider” (मदद करें) से लिया गया है। इसका उच्चारण “मे-डे” होता है और इसे तीन बार दोहराया जाता है (Mayday-Mayday-Mayday) ताकि यह स्पष्ट हो कि यह एक आपातकालीन कॉल है।
> मेडे कॉल तब जारी किया जाता है जब विमान में गंभीर तकनीकी खराबी, इंजन फेल्योर, आग, नियंत्रण खोने या अन्य जानलेवा स्थिति उत्पन्न हो। यह सबसे गंभीर आपातकालीन कॉल है, जो “पैन-पैन” (Pan-Pan) जैसे कम गंभीर कॉल से अलग है।
> मेडे कॉल में पायलट विमान की पहचान, स्थान, समस्या की प्रकृति और आवश्यक सहायता की जानकारी देता है। यह कॉल सुनते ही ATC और आसपास के विमान तत्काल कार्रवाई शुरू करते हैं।
मेडे कॉल SOS से कैसे अलग?
मेडे कॉल और SOS दोनों आपातकालीन संकट संकेत हैं, लेकिन इनका उपयोग और उत्पत्ति अलग है। Mayday Call विमानन और समुद्री संचार में होता है, जहां पायलट या जहाज के कप्तान रेडियो पर तीन बार “मेडे” दोहराकर गंभीर खतरे की सूचना देते हैं। SOS एक अंतरराष्ट्रीय मोर्स कोड संकेत है, जिसे 1908 में अपनाया गया। SOS का यूज समुद्री, जमीनी, या किसी भी आपात स्थिति में विभिन्न तरीकों (मोर्स कोड, लिखित, या दृश्य संकेत) से किया जा सकता है।
अहमदाबाद हादसे में मेडे कॉल
डीजीसीए के अनुसार, फ्लाइट AI171 के पायलट ने टेकऑफ के तुरंत बाद मेडे कॉल जारी किया, जो संभवतः किसी गंभीर तकनीकी समस्या (जैसे इंजन फेल्योर या नियंत्रण हानि) का संकेत था। हालांकि, इसके बाद ATC से कोई और संपर्क नहीं हो सका, जिससे स्थिति की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। यह भी पढ़ें –
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प्रारंभिक जानकारी: अभी तक हादसे की सटीक वजह स्पष्ट नहीं हुई है। डीजीसीए और अन्य जांच एजेंसियां जैसे डायरेक्टोरेट ऑफ एयरवर्थनेस (DAW) और फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टर (FOI) घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं।
संभावित कारण: विशेषज्ञों का मानना है कि इंजन में खराबी, पक्षी से टकराने (बर्ड स्ट्राइक), या नियंत्रण प्रणाली में गड़बड़ी जैसे कारक हो सकते हैं। हालांकि, ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) की जांच के बाद ही सटीक कारण पता चलेगा।
आधिकारिक बयान: एयर इंडिया ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर हादसे की पुष्टि की और कहा कि वे अधिक जानकारी जुटा रहे हैं। एयर इंडिया के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने गहरा दुख व्यक्त किया।
बचाव और राहत कार्य
हादसे की सूचना मिलते ही आपातकालीन सेवाएं, दमकल विभाग और पुलिस घटनास्थल पर पहुंचे। गांधीनगर और वडोदरा से एनडीआरएफ की 90 जवानों वाली टीमें भेजी गईं। एयर इंडिया ने यात्रियों के परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर 1800-5691-444 जारी किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और अन्य अधिकारियों से बात की और केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजारापु भी अहमदाबाद रवाना हुए। सूत्रों के अनुसार, हादसे में जीवित बचे लोगों की संभावना बहुत कम है। कम से कम 40 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन अंतिम आंकड़े अभी सामने नहीं आए।