रूट और पहुंचने का तरीका
अमरनाथ यात्रा दो रूटों – बालटाल और पहलगाम से होती है। बालटाल रूट करीब 14 किलोमीटर लंबा है और यहां से गुफा तक पहुंचने में एक दिन लगता है, जबकि पहलगाम से गुफा की दूरी करीब 32 किलोमीटर है और यहां से यात्रा में 3-4 दिन लग सकते हैं। बालटाल से यात्रा दोमेल गेट से और पहलगाम से चंदनवाड़ी से शुरू होती है, जहां यात्रियों की RFID चेकिंग होती है। इस यात्रा के लिए RFID कार्ड लेना अनिवार्य है, जिसकी फीस 250 रुपये है।
हवाई यात्रा
अगर आप हवाई यात्रा करना चाहते हैं तो श्रीनगर एयरपोर्ट तक डायरेक्ट फ्लाइट ले सकते हैं, जहां से टैक्सी या शेयरिंग गाड़ी लेकर बालटाल या पहलगाम जा सकते हैं। श्रीनगर से शेयरिंग टैक्सी का किराया 800-1000 रुपये प्रति व्यक्ति और प्राइवेट टैक्सी का किराया 3000-4000 रुपये तक होता है। ट्रेन से जाने पर जम्मू तक देशभर से ट्रेनें उपलब्ध हैं, जहां से बस या टैक्सी लेकर यात्रा की शुरुआत की जा सकती है।
कब और कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन?
अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अप्रैल से शुरू हो चुकी है। इस यात्रा के लिए मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य है, जो रजिस्ट्रेशन फॉर्म के साथ जमा कराना पड़ता है। यात्रा में शामिल होने के लिए आपको अपने नजदीकी बैंक ब्रांच या अमरनाथ यात्रा की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण कराना होगा।
यात्रा का खर्च कितना आएगा?
अमरनाथ यात्रा का अधिकतर खर्च जम्मू, श्रीनगर, बालटाल या पहलगाम तक पहुंचने और वापसी में आता है। जम्मू से बस किराया 700 रुपये से शुरू होता है। बालटाल और पहलगाम में ठहरने के लिए टेंट में शेयरिंग में 500 रुपये तक खर्च आता है, हालांकि फ्री ठहरने की भी सुविधा उपलब्ध है। खाने का इंतजाम अधिकतर लंगर समितियों द्वारा मुफ्त में किया जाता है। यदि आप घोड़ा या पालकी लेना चाहते हैं तो इसके लिए अलग से 2500-5000 रुपये तक का खर्च आ सकता है। अगर आप पैदल यात्रा करते हैं तो खर्च कम आता है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
अप्रैल में हुए आतंकी हमले को ध्यान में रखते हुए इस बार सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। गुफा तक जाने वाले दोनों मार्गों पर CRPF, ITBP और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीमें तैनात रहेंगी। ड्रोन से निगरानी और RFID आधारित ट्रैकिंग से यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
अब तक कितने लोग कर चुके हैं रजिस्ट्रेशन?
आतंकी हमले से पहले करीब 2.35 लाख श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन फिलहाल सुरक्षा कारणों और डर की वजह से अभी तक केवल 85 हजार यात्रियों के यात्रा में शामिल होने की पुष्टि हुई है। प्रशासन ने यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए सभी इंतजाम कर दिए हैं और उम्मीद है कि श्रद्धालु निर्भय होकर बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकेंगे।