अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता के कही ये बात
अमेरिका में कथित रूप से अवैध रूप से प्रवास करने वाले भारतीय नागरिकों को लेकर अमेरिकी वायु सेना का विमान बुधवार को पंजाब के अमृतसर पहुंचा। अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि हालांकि सारी जानकारी शेयर नहीं की जा सकती है, लेकिन बता दें कि संयुक्त राज्य अमेरिका अपने सीमा और आव्रजन कानूनों को सख्ती से लागू कर रहा है। प्रवक्ता ने जोर देकर कहा, ‘ अब तक की गई कार्रवाइयों से स्पष्ट संदेश मिलता है कि अवैध प्रवासियों को हम देश में जगह नहीं देंगे।’ सीबीएस न्यूज़ ने बताया कि अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन कुछ प्रवासी बंदियों को रिहा कर रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में गिरफ्तारियों में वृद्धि के बीच इसकी हिरासत प्रणाली अधिकतम क्षमता को पार कर गई है। सीबीएस न्यूज़ के अनुसार, जेल में करीब 42,000 प्रवासी बंदी थे।हथकड़ी लगाई और कपड़े उतरवाए…पवन खेड़ा ने किया ये पोस्ट
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, ‘अमेरिका से भारतीयों को हथकड़ी लगाकर और अपमानित करके निर्वासित किए जाने की तस्वीरें देखकर, एक भारतीय होने के नाते मुझे दुख होता है। मुझे दिसंबर 2013 की वह घटना याद है जब भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को अमेरिका में हथकड़ी लगाई गई थी और स्ट्रिप सर्च (कपड़े उतरवाकर तलाशी लेना) किया गया था। तब यूपीए सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी । मीरा कुमार, सुशील कुमार शिंदे और राहुल गांधी जैसे नेताओं ने भारत दौरे पर आए अमेरिकी कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल (जॉर्ज होल्डिंग, पीट ओल्सन, डेविड श्वाइकर्ट, रॉब वुडऑल और मैडेलिन बोर्डालो) से मिलने से इनकार कर दिया था। डॉ. मनमोहन सिंह ने अमेरिका की इस कार्रवाई को ‘निंदनीय’ बताया। भारत सरकार ने अमेरिकी दूतावास को दी जाने वाली कई सुविधाएं वापस ले लीं थी , जिनमें दूतावास कर्मियों के लिए खाद्य पदार्थों और शराब के रियायती आयात की अनुमति भी शामिल थी।’भारतीय नागरिकों की वापसी की सुविधा प्रदान करेगा- MEA
विदेश मंत्रालय (MEA) ने 24 जनवरी को कहा था कि यह संयुक्त राज्य अमेरिका या दुनिया में कहीं भी उचित दस्तावेज के बिना समय से अधिक समय तक रहने या रहने वाले भारतीय नागरिकों की वापसी की सुविधा प्रदान करेगा। नई दिल्ली में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम अवैध अप्रवास के खिलाफ हैं, खासकर इसलिए क्योंकि यह संगठित अपराध के कई रूपों से जुड़ा हुआ है।” उन्होंने कहा, “केवल अमेरिका में ही नहीं, बल्कि दुनिया में कहीं भी रहने वाले भारतीयों के लिए, अगर वे भारतीय नागरिक हैं और वे तय समय से ज़्यादा समय से रह रहे हैं, या वे उचित दस्तावेज़ों के बिना किसी ख़ास देश में हैं, तो हम उन्हें वापस ले लेंगे, बशर्ते कि वे हमारे साथ दस्तावेज़ साझा करें ताकि हम उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि कर सकें और यह सुनिश्चित कर सकें कि वे वास्तव में भारतीय हैं। अगर ऐसा होता है, तो हम आगे की कार्रवाई करेंगे और उन्हें भारत वापस लाने में मदद करेंगे।”