जज ने संजय रॉय के अपराध कबूल करने पर डाला प्रकाश
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिरबन दाल ने अपने फैसले में मुकदमे को दौरान संजय रॉय द्वारा अपराध कबूल करने पर प्रकाश डाला। न्यायाधीश ने कहा कि संजय रॉय ने अपराध से जुड़े कई सवालों से इनकार किया, लेकिन उसने सीसीटीवी फुटेज की सत्यता को चुनौती नहीं दी।
संजय रॉय आगाह किया गया था कि जवाब उनके पक्ष में इस्तेमाल किए जा सकते है और खिलाफ भी इस्तेमाल किए जा सकते है। इसके बाद उन्होंने सब कुछ समझने के बाद भी सीसीटीवी फुटेज का समर्थन करते हुए जवाब दिया। इसलिए इस मामले में आरोपी का संस्करण प्रासंगिक हो गया।
CCTV फुटेज में क्या था
कोर्ट ने अस्पताल के तीसरी मंजिल पर चेस्ट डिपार्टमेंट में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की जांच की। हालांकि अपराध स्थल पास होने के बाद भी कैमरे के कवरेज क्षेत्र से बाहर था। सीसीटीवी फुटेज में
संजय रॉय 9 अगस्त की सुबह करीब साढ़े चार बजे हेलमेट पकड़े हुए नजर आया था। सुबह 4.03 से करीब साढ़े चार बजे तक डिपार्टमेंट में होने की संजय रॉय ने बात को स्वीकार किया। इस तथ्य के आधार पर जज ने अपराध स्थल पर संजय रॉय था इस बात पर जोर दिया।
संजय रॉय ने अपने बचाव में कही ये बात
संजय रॉय ने अपने बचाव में बात कहते हुए दावा किया कि वह एक साथी से मिलने अस्पताल गए थे। लेकिन वह मरीज की पहचान नहीं बता पाया। संजय रॉय ने बताया कि उन्होंने अपना हेलमेट और ब्लूटूथ पुरुष वार्ड में रख दिया था। जज को संजय रॉय की यह बात सही नहीं लगी क्योंकि संजय रॉय पुरुष वार्ड में अपनी उपस्थिति की पुष्टि नहीं कर सका और ना ही मरीज की पहचान कर सका। 161 दिन बाद मिला न्याय, संजय रॉय दोषी करार, देखें वीडियो…