10 दिन के सत्र के लिए गए केजरीवाल
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा से हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल 10 दिवसीय विपश्यना सत्र के लिए पहुंच गए हैं। आज यानी बुधवार से पंजाब के होशियारपुर में विपश्यना मेडिटेशन सेंटर ही रहेंगे। आज सुबह छह बजे से ही केजरीवाल की साधना की शुरुआत हो चुकी है।इससे पहले भी कर चुके विपश्यना
पहली विपश्यना: 2013 पहली विधानसभा चुनाव के बादकेजरीवाल ने अपने जीवन में विपश्यना की शुरुआत पहली दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद 4 दिसंबर, 2013 में की थी। वे 8 दिसंबर को मतगणना से पहले लौट आए थे। उस समय आप ने 70 विधानसभा सीटों में से 28 पर जीत हासिल की और केजरीवाल कांग्रेस के समर्थन से पहली बार मुख्यमंत्री बने। हालांकि कांग्रेस द्वारा समर्थन न मिलने और भ्रष्टाचार विरोधी जन लोकपाल विधेयक पारित न करा पाने के कारण केजरीवाल का पहला कार्यकाल दो महीने से भी कम समय तक का था। केजरीवाल ने फरवरी 2014 में इस्तीफा दे दिया और दिल्ली में केंद्र का शासन लागू किया गया था।
केजरीवाल की दूसरी विपश्यना 2014 के लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के कुछ समय पहले हुई थी। उस दौरान केजरीवाल को वाराणसी में नरेंद्र मोदी के समक्ष हार का सामना करना पड़ा था।
केजरीवाल की तीसरी विपश्यना हिमाचल प्रदेश में हुई थी। अगस्त 2016 में 2015 के दिल्ली चुनावों में उनकी पार्टी की जीत के बाद उन्हें दूसरी बार सीएम बनाया गया। जब वे दूर थे, तब दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि राजधानी उपराज्यपाल के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत “एक केंद्र शासित प्रदेश बनी रहेगी” और “राज्य का दर्जा हासिल नहीं करेगी”।
सितंबर 2017 में दिल्ली के बवाना उपचुनाव में पार्टी की जीत के बाद केजरीवाल महाराष्ट्र की 10 दिवसीय विपश्यना यात्रा पर गए थे। सितंबर 2021 में, AAP द्वारा चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में अपने पहले चुनाव लड़ने से कुछ महीने पहले चुनाव जीतने के बाद वे पुनः जयपुर में विपश्यना साधना के लिए चले गए थे।
आम आदमी पार्टी के लिए 2022 का समय अच्छा था। सबसे पहले इसने एमसीडी पर बीजेपी का कब्ज़ा खत्म किया। फिर गुजरात चुनाव में पांच सीटें जीतकर अपना खाता खोला। फिर केजरीवाल ने विपश्यना सत्र के साथ साल का अंत किया।
दिसंबर 2023 के अंत में, जब ईडी ने उन्हें दिल्ली आबकारी नीति मामले में पूछताछ के लिए बुलाया, तो केजरीवाल 10 दिन की विदेश यात्रा पर चले गए थे। बता दें की केजरीवाल अकेले ऐसे राजनेता नहीं हैं जो नियमित रूप से विपश्यना करते हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और उनकी बहन तथा वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी भी विपश्यना का अभ्यास करने के लिए जाने जाते हैं।