Attari-Wagah border ceremony: भारत-पाकिस्तान सीमा पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी फिर होगी शुरू, जानें अब क्या होगा अलग
Attari-Wagah border ceremony: अब बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में पारंपरिक गर्मजोशी देखने को नहीं मिलेगी। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान की तरफ के सशस्त्र कर्मियों के साथ हाथ मिलाना या सीमा द्वार खोलना संभव नहीं होगा।
भारत-पाक सीमा पर बीटिंग रिट्रीट समारोह होगा शुरू (Photo-ANI)
Attari-Wagah border ceremony: भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को सीजफायर हुआ था। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव कम हो गया। इसी बीच अब फैसला लिया गया है कि बीएसएफ द्वारा बीटिंग रिट्रीट समारोह मंगलवार शाम से अटारी-वाघा, हुसैनीवाला और फाजिल्का सीमाओं पर शुरू होने वाला है। हालांकि कुछ नियमों में बदलाव भी किया गया है।
बता दें कि अब बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में पारंपरिक गर्मजोशी देखने को नहीं मिलेगी। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान की तरफ के सशस्त्र कर्मियों के साथ हाथ मिलाना या सीमा द्वार खोलना संभव नहीं होगा। हालांकि, दर्शकों को समारोह देखने की अनुमति होगी। यह समारोह शाम 6 बजे अमृतसर के पास अटारी सीमा, फिरोजपुर में हुसैनीवाला सीमा और फाजिल्का की सादकी सीमा पर होगा।
7 मई से बंद थी बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी
बता दें कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया। इसमें 26 पर्यटकों की मौत हो गई। वहीं भारत ने पाकिस्तान में 6-7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर के तहत 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। इसके बाद 7 मई से ही अटारी बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी को बंद कर दिया था।
For Godsake, end this beating retreat ceremony at Wagah-Attari border NOW! This is a mockery of not just the Indian Security Forces who have laid down life for the nation fighting Pakistani terrorists, but also civilians brutally killed by Pakistan deep state. End this drama! pic.twitter.com/PhTVrOqAiG
बता दें कि बीटिंग रिट्रीट अमृतसर के पास दोनों देशों की सीमा पर 1959 से होने वाला एक अनूठा और उत्साहपूर्ण सैन्य समारोह है, जिसमें राष्ट्रीय झंडे उतारने की प्रक्रिया शामिल होती है। इतना ही नहीं, दोनों देशों के जवान आमतौर पर दीवाली, ईद, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे विशेष अवसरों पर मिठाइयों का आदान-प्रदान भी करते हैं।
गांव के लोगों को मिली राहत
यह घोषणा अटारी-वाघा सीमा के समीप के गांवों के लोगों के लिए राहत लेकर आई है। दरअसल इन गांव के लोगों की आजीविका बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी को देखने आने वाले पर्यटकों और व्यापार पर निर्भर थी।