BSF ने यह भी बताया कि शहीद मोहम्मद इम्तियाज के सम्मान में 11 मई को फ्रंटियर हेडक्वार्टर्स जम्मू, पलौरा में पूरे सम्मान के साथ पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया जाएगा। इस बीच, भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार को दोनों देशों के सैन्य अभियान निदेशकों (DGMO) के बीच बातचीत के बाद सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति बनी। विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने बताया कि पाकिस्तान के DGMO ने शनिवार दोपहर 15:35 बजे भारतीय DGMO से संपर्क किया और दोनों पक्षों ने 17:00 बजे से जमीन, हवा और समुद्र में सैन्य कार्रवाइयां रोकने का फैसला किया। हालांकि, इस समझौते के कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान ने फिर से उकसावे की कार्रवाई की, जब श्रीनगर में भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तानी ड्रोनों को रोकने की कोशिश की। इस दौरान लाल रंग की धारियां और जोरदार विस्फोटों की आवाजें सुनाई दीं।
पाकिस्तान की इस हरकत के जवाब में पंजाब के पठानकोट और फिरोजपुर, साथ ही राजस्थान के जैसलमेर और बाड़मेर में पूर्ण ब्लैकआउट लागू कर दिया गया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने X पर पोस्ट कर कहा, “भारत आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ अपनी दृढ़ और अटल नीति को जारी रखेगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को रोकने का समझौता हुआ है, लेकिन भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी सख्त नीति पर अडिग रहेगा।
इस घटनाक्रम से पहले, भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इस ऑपरेशन में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया था। इसके बाद पाकिस्तान ने तोपखाने और ड्रोनों के जरिए कई उकसावेपूर्ण कार्रवाइयां कीं। विदेश सचिव मिश्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान की कार्रवाइयां “उकसावेपूर्ण” और “तनाव बढ़ाने वाली” हैं, जिनका भारत प्रभावी ढंग से जवाब दे रहा है।
BSF सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज का बलिदान न केवल देश के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाता है, बल्कि यह भी याद दिलाता है कि सीमा पर तैनात जवान किस तरह हर पल अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा करते हैं। पाकिस्तान की इन हरकतों के बावजूद भारत की सशस्त्र सेनाएं और सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में अडिग हैं।