गोगोई ने कार्रवाई को बताया असंवैधानिक
शिवसागर विधायक और रायजोर दल के नेता अखिल गोगोई घटनास्थल पर गए थे, उनको पुलिस ने हिरासत में ले लिया। बेदखली को अवैध और असंवैधानिक बताते हुए गोगोई ने कहा, यह अल्पसंख्यकों को धमकाने के अलावा और कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए।
इनके कब्जे में है सरकारी जमीन
धुबरी जिले में यह 3,500 बीघा सरकारी खास जमीन मुख्य रूप से बंगाली भाषी मुसलमानों के कब्जे में है। जिला प्रशासन का अनुमान है कि इस पर लगभग 1,700 इमारतें बनी हैं जहां 1,400 परिवार रहते हैं।
थर्मल पावर प्लांट के लिए की गई आवंटित
धुबरी के डीसी दिबाकर नाथ ने कहा कि यह सरकारी खास जमीन एपीडीसीएल (असम पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड) को एक थर्मल पावर प्लांट के लिए आवंटित की गई है। वे ही इस परियोजना के लिए निविदा प्रक्रिया करेंगे। पिछले महीने सीएम हिमंत ने किया था दौरा
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बीते माह इन जगहों का दौरा किया था। उस दौरान सीएम ने कहा था कि इस जमीन को प्रस्तावित 3,200 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट के लिए चिह्नित किया गया है। राज्य सरकार इस परियोजना के लिए अडानी समूह के साथ बातचीत कर रही है। इस साल अप्रैल में सरमा ने गुवाहाटी में जीत अडानी से मुलाकात की थी। असम में प्रमुख अडानी परियोजनाओं” को अंतिम रूप दिया जा सके, जिसमें एक थर्मल पावर प्लांट भी शामिल है।
अब तक 2300 से ज्यादा लोगों किया गया विस्थापित
इससे पहले भी गोवालपाड़ा, नलबाड़ी और लखीमपुर में भी इसी तरह की कार्रवाई की गई थी। कुल मिलाकर अब तक 2,300 से ज्यादा परिवार विस्थापित किए जा चुके है। जाकिर हुसैन (39) चारुआबकरा के उन गिने-चुने निवासियों में से एक हैं जो बेदखली के दौरान अपने घर में ही रहे हैं। हुसैन ने कहा कि चूंकि हमारे पास गांव में पट्टा (जमीन का अधिकार) है। इसलिए अंचल अधिकारी ने हमें बताया कि हमें कहीं और ज़मीन दी जाएगी। इसलिए हम वहां हैं और हमें यह बताए जाने का इंतजार है कि हमें कहाँ ज़मीन दी जाएगी।