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संविधान या संसद, सबसे ऊपर कौन? CJI गवई ने क्लियर कर दिया

भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने महाराष्ट्र के अमरावती में कहा कि देश में संविधान सर्वोच्च है। संसद संविधान को संशोधित कर सकता है, लेकिन उसके मूल में कोई बदलाव नहीं ला सकता है।

नई दिल्लीJun 26, 2025 / 09:51 am

Pushpankar Piyush

CJI BR Gavai

CJI BR Gavai (Photo – ANI)

भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई (CJI BR Gavai) ने कहा कि भारत (India) का संविधान (Constitution) सबसे ऊपर है। हमारे लोकतंत्र के तीनों अंग न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका संविधान के अधीन काम करते हैं। सीजेआई गवई ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि संसद (Parliament) सर्वोच्च है, लेकिन मेरी राय में संविधान सर्वोपरि है।

संविधान संशोधन कर सकता है संसद

CJI गवई ने अमरावती ने कहा कि संसद के पास संविधान संशोधन करने की शक्ति है, लेकिन वह संविधान के मूल ढांचे को नहीं बदल सकती है। उन्होंने कहा कि एक जज को हमेशा याद रखना चाहिए कि हमारा एक कर्तव्य है। हम नागरिकों के अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों और सिद्धांतों के संरक्षक हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास केवल शक्ति नहीं है, हम पर एक कर्तव्य भी सौंपा गया है।
किसी भी जज को यह नहीं सोचना चाहिए कि लोग उनके फैसलों को लेकर लोगों की राय क्या होगी। हमें स्वतंत्र रूप से सोचना होगा। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि लोग क्या कहेंगे, यह हमारी फैसले लेने की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बन सकता है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मैंने हमेशा अपने निर्णयों और काम को बोलने दिया है। मैं हमेशा हमारे संविधान में निहित मौलिक अधिकारों के साथ खड़ा रहा। बुलडोजर न्याय के खिलाफ अपने फैसले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आश्रय का अधिकार सर्वोच्च है।
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1985 में शुरू हुआ CJI गवई का करियर

जस्टिस गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती जिले में हुआ। साल 1985 में उन्होंने अपना कानूनी करियर शुरू किया। 1987 में बॉम्बे हाईकोर्ट में स्वतंत्र प्रैक्टिस शुरू की। इससे पहले उन्होंने पूर्व एडवोकेट जनरल और हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजा एस भोंसले के साथ काम किया। गवई ने 1987 से 1990 तक बॉम्बे हाईकोर्ट में वकालत की। अगस्त 1992 से 1993 तक बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में सहायक सरकारी वकील और एडिशनल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर के रूप में नियुक्त हुए।
14 नवंबर 2003 को बॉम्बे हाईकोर्ट के एडिशनल जज के रूप में प्रमोट हुए। 12 नवंबर 2005 को बॉम्बे हाईकोर्ट के परमानेंट जज बने। 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट जस्टिस बने। 14 मई को शपथ लेकर देश के 52वें CJI बनें। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर दिए प्रोफाइल के मुताबिक उनके रिटायरमेंट की तारीख 23 नवंबर 2025 है।

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