100 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला
धर्मकुंड गांव के पास चेनाब पुल के नजदीक आई इस बाढ़ ने 100 से अधिक घरों को पूरी तरह तबाह कर दिया है, जबकि 25-30 मकानों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ है। तेज बहाव के कारण कई लोग अपने घरों में फंस गए थे। प्रशासन और रेस्क्यू टीमों ने तत्काल राहत अभियान शुरू किया, जिसमें अब तक 90 से 100 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है।
दर्जनों मकान ध्वस्त
भारी बारिश से रामबन जिले का धर्म कुंड गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। गांव में करीब 40 मकान ध्वस्त हो गए। नाशरी से बनिहाल तक जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कई जगह भूस्खलन और कीचड़ धंसने की घटनाएं हुईं। पुलिस ने फंसे लोगों को बाहर निकाला। बारिश लगातार जारी है।
जगह-जगह सैकड़ों वाहन फंसे
पर्यटकों से अपील की गई है कि रास्ता साफ होने और मौसम सुधरने तक यात्रा न करें। जगह-जगह सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं। किश्तवाड़-पद्दर मार्ग भी बंद कर दिया गया। मौसम विभाग ने दो दिन पहले पश्चिम विक्षोभ सक्रिय होने और पहाड़ी प्रदेशों में इसका असर पडऩे के आसार जताए थे। उसका पूर्वानुमान जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में सच साबित हुआ। हिमाचल प्रदेश में भी बर्फबारी और बारिश से जन-जीवन पर असर पड़ा है।
बाढ़ जैसे हालात
रामबन जिले में शनिवार आधी रात बाद तेज बारिश और ओवावृष्टि शुरू हो गई थी। बारिश इतनी तेज थी कि भूस्खलन होने लगा और धर्मकुंड में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। वहां से करीब 45 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया। तेज बारिश से बनिहाल, खारी, बटोटे और शेरी चंबा में भी कई मकान ध्वस्त हो गए।
हेल्प नंबर जारी
स्थानीय प्रशासन ने घटना पर त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। रामबन के डिप्टी कमिश्नर ने मौसम की गंभीर स्थिति को देखते हुए लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने बताया कि किसी भी आपात स्थिति में जिला नियंत्रण कक्ष से 24×7 संपर्क किया जा सकता है—फोन नंबर: 01998-295500, 01998-266790। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और आधिकारिक सूचनाओं का पालन करें। इलाके में अभी भी भारी बारिश का सिलसिला जारी है, जिससे स्थिति और बिगड़ने की आशंका बनी हुई है।