जानिए क्या है मामला
बीजेपी के दोनोें सांसदों पर देवघर हवाई अड्डे पर कथित रूप से सुरक्षा नियमों का उल्लंघन कर उड़ान भरने का आरोप लगा था। इस मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी, जिसे पहले झारखंड हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट के इस आदेश को झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। शीर्ष कोर्ट ने आज 21 जनवरी को फैसला सुना दिया है।
देवघर जिले के कुंडा थाने में दर्ज हुई थी एफआईआर
आपको बता दें कि देवघर एयरपोर्ट से निजी विमान के उड़ान पर विवाद की यह घटना 31 अगस्त, 2022 को हुई थी। इस मामले में देवघर एयरपोर्ट की सिक्योरिटी में तैनात डीएसपी सुमन अमन की शिकायत पर देवघर जिले के कुंडा थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। इसमें भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने देवघर हवाई अड्डे पर सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया। उन्होंने एटीएस पर शाम में निजी विमान को उड़ान भरने के लिए दबाव बनाया। झारखंड हाईकोर्ट ने कर दी थी खारिज
सांसद निशिकांत दुबे ने इस एफआईआर के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए 13 मार्च, 2023 को निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी, कपिल मिश्रा सहित नौ लोगों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया था। इसके बाद झारखंड सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस पर जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच में सुनवाई हुई। 21 जनवरी को झारखंड सरकार को फिर झटका लगा है।